शहीद सैनिकों के परिवार की सिसकियों से टूटती खामोशी। एक-एक विमान से उतारे जाते अमेरिकी ध्वज में लिपटे शहीदों के शव और श्रद्धांजलि देने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन। कुछ ऐसा था अमेरिका के डेलवेयर स्थित एयरफोर्स बेस का नजारा। यहां काबुल में शहीद हुए अमेरिकी सैनिकों के शव रविवार को लाए गए। जो बाइडेन ने इन सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें असली हीरो बताया।

बेबस निगाहों से देख रहे थे परिवार के लोग

इस कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी पत्नी जिल के साथ चुपचाप खड़े थे। वहीं सफेद दस्ताने पहने मिलिट्री क्यू के लोग बड़े ही सधे हुए अंदाज में विमान से शहीद अमेरिकी सैनिकों के शव को उतारकर वाहनों में रख रहे थे। वहीं उनके परिवार के लोग एक तरफ खड़े बेबस निगाहों से उन्हें देखने को मजबूर थे। इस दौरान रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और अन्य मिलिट्री अफसर भी मौजूद थे। इन सभी ने काले रंग का मास्क पहन रखा था। वहीं परिवार के सदस्यों को थोड़ी दूरी पर कैमरे की चमक-दमक से दूर रखा गया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया असली हीरो

अमेरिका के पूर्वी तट पर वॉशिंगटन से करीब दो घंटे की दूरी पर स्थित डोवर बेस का माहौल बेहद भारी था। काबुल में खुद को कुर्बान करके लौटे सैनिकों के सम्मान में सब चुपचाप खड़े थे। यह अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए भी उनके कार्यकाल का सबसे मुश्किल क्षण रहा। बाइडेन ने हरिकेन इडा से जुड़े मामले पर बोलते हुए इन सैनिकों के लिए शोक जताया था। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ की उम्र महज 20 साल थी, उतनी जितने साल अफगान युद्ध चला। वह हमारे असली हीरो हैं। हम उन्हें अपनी प्रार्थना में याद रखेंगे।

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