वाशिंगटन (एजेंसी )। चीनी युद्धक विमानों के ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। अमेरिकी प्रशासन ने बीजिंग के राजनयिक से ताइवान के खिलाफ किसी तरह का सैन्य या आर्थिक दबाव नहीं बनाने का आग्रह किया है। ताइवान के हवाई सीमा में चीन के विमानों के प्रवेश के कुछ घंटों बाद अमेरिका की यह प्रतिक्रिया सामने आई है। खास बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने के तीन दिन बाद पहली बार अमेरिकी प्रशासन ने चीन से ताइवान में किसी तरह के हस्तक्षेप को मना किया है।
अमेरिकी प्रशासन के इस पहल को इस रूप में देखा जा रहा है कि ताइवान के मामले में उसके नजरिए में कोई बदलाव नहीं आया है। अलबत्ता, अमेरिका ने चीन से पहली बार आग्रह किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन के प्रति नजरिया काफी आक्रामक हुआ करता था। राज्य विभाग ने कहा कि ताइवान के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता रॉक-सॉलिड है और शांति और स्थिरता के रखरखाव में योगदान करती है।
विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि ताइवान की सुरक्षा के प्रति अमेरिका पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अमेरिका इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए प्रयास करता रहेगा। विदेश विभाग ने अपने कथन को फिर दोहराया कि हम भारत प्रशांत क्षेत्र में अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका क्रॉस-स्ट्रेट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना जारी रखेगा। हम ताइवान की सहायता करना जारी रखेंगे।
विदेश विभाग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब शनिवार को चीन के बमवर्षक और लड़ाकू विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में दोबारा प्रवेश किया। जो बाइडन प्रशासन की ओर से यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ ही दिन बाद सामने आई है। चीन की इस हरकत के बाद ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा ताइवान की वायु सेना ने दक्षिण-पश्चिम वायु रक्षा क्षेत्र में 13 चीनी युद्धक विमानों के घुसने के बाद फाइटर जेट्स को उतारा है।