काबुल ( एजेंसी)। तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार के बीच वार्ता शुरू होने की अनिश्चितता के बीच अफगानिस्तान जब अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, उसी समय मंगलवार (18 अगस्त) को राजधानी काबुल के विभिन्न इलाकों में मोर्टार से गोले दागे गए जिनमें से कम से 10 आम नागरिक घायल हो गए। हालांकि, अबतक किसी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने कहा कि काबुल के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में दो वाहनों से कुल 14 गोले दागे गए। इस हमले में घायल हुए लोगों में चार बच्चे भी शामिल हैं। एरियन ने बताया, ”अधिकतर गोले रिहायशी मकानों पर गिरे।” उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है। हमले के डर से एक चश्मदीद ने पहचान गोपनीय रखते हुए बताया कि कम से कम एक गोला वजीर अकबर खान के पास में गिरा, जहां पर राजनयिक और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं।
यह हमला सरकार द्वारा 320 तालिबानी कैदियों की तब तक रिहाई से इनकार करने के एक दिन बाद किया गया, जब तक कि विद्रोही और अफगान सैनिकों को रिहा नहीं करते हैं। अफगानिस्तान सरकार का यह फैसला इस महीने पारंपरिक परिषद ‘लोया जिरगा’ द्वारा किए गए फैसले के विपरीत है, जिससे अंतर अफगान शांति वार्ता में और देरी होने की आशंका पैदा हो गई, जिसकी मांग अमेरिका कर रहा है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उसे काबुल में मोर्टार से किए गए हमले की जानकारी नहीं है। पूर्व में अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े लोगों ने राष्ट्रीय उत्सव को बाधित करने के लिए रॉकेट से हमले किए थे। उल्लेखनीय है कि मंगलवार (18 अगस्त) की सुबह राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रक्षा मंत्रालय में आयोजित स्वतंत्रता समारोह में हिस्सा लिया और सलामी गारद ली। उन्होंने यहां स्वतंत्रता मीनार पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।