अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मची हुई है। इस बीच  काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से सुरक्षित जगहों पर जाने और अगले आदेश का इंतजार करने को कहा है। काबुल एयरपोर्ट पर अफगानिस्तान से बाहर निकलने के लिए बड़ी तादाद में लोग जमा हैं। तालिबान से खतरे को भांपते हुए ये लोग देश छोड़कर निकलना चाहते हैं। 

ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान में अपने नागरिकों को काबुल हवाईअड्डे न जाने की सलाह दी है जहां ‘आतंकवादी हमला होने का बहुत गंभीर खतरा है।’ इसने कहा कि हवाईअड्डा परिसर में मौजूद ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने और अगले आदेश की प्रतीक्षा करने की सलाह दी जाती है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिसे पायने ने कहा कि यह यात्रा परामर्श ब्रिटेन और न्यूजीलैंड की संशोधित यात्रा सलाह के समान है। 

उधर, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने अनिर्दिष्ट सुरक्षा मुद्दे पर अमेरिकी नागरिकों को हवाईअड्डे के तीन विशिष्ट द्वारों से दूर रहने की चेतावनी दी है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले हफ्ते बुधवार से करीब 4,000 लोगों को हवाईअड्डे से सुरक्षित निकाला है जिनमें से 1,200 को कल रात निकाला गया। उन्होंने कहा, “बेहद खतरनाक माहौल बना हुआ है।” मॉरीसन ने कहा, “ खतरा एवं जोखिम हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है, जैसा कि हम हमेशा से जानते थे कि ये बढ़ेगा, और इसलिए हम जल्दबाजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”

ब्रिटेन की सरकार ने काबुल हवाईअड्डे पर आतंकवादी हमला होने की आशंका व्यक्त करते हुए, अफगानिस्तान में अपने नागरिकों को हवाईअड्डे से दूर रहने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डा क्षेत्र से लोग ‘‘ सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और अगले आदेश का इंतजार करें।’’ 

अफगानिस्तान में ब्रिटेन के कितने नागरिक हैं, इसकी अभी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है। ब्रिटेन की सेना ने हाल में वहां से 11,000 से अधिक लोगों को निकाला है, जिसमें ब्रिटेन के हजारों नागरिक और सात हजार से अधिक अफगान शामिल हैं। ब्रिटेन तनावग्रस्त देश से अमेरिकी सेना के निकलने से पहले वहां अपना निकासी अभियान पूरा करने की योजना बना रहा है। 

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