राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन (MGB) बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को सत्ता से बेदखल करने में विफल तो जरूर रहा, लेकिन लगभग समान वोट शेयर के साथ इस लड़ाई को खत्म किया। महागठबंधन के हिस्से में जहां 37.23 प्रतिशत आए वहीं, 37.26 प्रतिशत मतों के साथ एनडीए की सरकार बनने जा रही है।
उम्मीदवारों को द्वारा हलफनामों और चुनाव परिणाम पर गौर करें तो मध्यम आयु वर्ग (राजनीति में, जीवन नहीं) के एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों ने लगभग बराबरी का प्रदर्शन किया है। लेकिन अनुभवी और नौसिखिए उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो यहां एनडीए की तुलना में महागठबंधन काफी पीछे हैं।
स्ट्राइक रेट पर नजर दौड़ाएं तो ये अंतर साफ झलक रहे हैं। 36 से 50 और 51 से 60 आयु वर्ग के उम्मीदवारों के प्रदर्शन को देखें तो एनडीए और महागठबंधन के बीच काफी समानता दिखती है। लेकिन 35 साल से नीचे और 65 से ऊपर आयु वर्ग के उम्मीदवारों के मामले में एनडीए, महागठबंधन से काफी आगे है।
भाजपा में 35 साल तक के उम्मीदवारों का स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत है। जबकि कांग्रेस के लिए यह संख्या सिर्फ 16.7 प्रतिशत है। आरजेडी की बात करें तो यह 43.8 प्रतिशत थी। आपको बता दें कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार और आरजेडी की कमान संभाल चुके तेजस्वी यादव इसी सोमवार को 31 साल के हुए हैं।
भाजपा की स्ट्राइक दर 51-65 की श्रेणी को छोड़कर सभी आयु वर्गों के सभी प्रमुख दलों में सबसे अधिक है। 51-65 की श्रेणी में तीनों वाम दलों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। राजद की बात करें तो 65 से अधिक उम्र के उम्मीदवारों का स्ट्राइक रेट काफी खराब है। आपको बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अब 72 साल के हो चुके हैं। फिलहाल वे चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजा काट रहे हैं।
राजनीतिक दलों द्वारा मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों के विश्लेषण से पता चलता है कि वामपंथी दलों और राजद के खेमे में युवा उम्मीदवारों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी। वाम दलों के 17.2 प्रतिशत और राजद के 11.3 प्रतिशत उम्मीदवार 35 साल के आसपास के थे। हालांकि, उनकी स्ट्राइक रेट भाजपा और जद (यू) की तुलना में कम है। वामपंथियों ने इस चुनाव में पुराने उम्मीदवारों को ज्यादा मौका दिया। लेकिन उस श्रेणी में सबसे खराब प्रदर्शन है।