पीडीपी से नेताओं के इस्तीफे का दौर जारी

वरिष्ठ पीडीपी नेता शाह महमूद तांत्रे ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से मुलाकात के कारण कुछ नेताओं को बेवजह पार्टी से निकाले जाने से नाराज होकर उठाया। वर्ष 2014 में पीडीपी के टिकट से पुंछ-हवेली सीट से विधानसभा के लिए निर्वाचित 64 वर्षीय तांत्रे ने कहा, ‘‘कांग्रेस शासन में करीब तीन दर्जन संशोधन की वजह से अनुच्छेद-370 अपनी सार्थकता खो चुका था। ‘

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अगस्त में सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के साथ राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था।पीडीपी ने नौ जनवरी को उपराज्यपाल से मिलने वाले आठ नेताओं, दिलावर मीर, रफी अहमद मीर, जफर इकबाल, अब्दुज मजीद पडरू, राजा मंज़ूर खान, जावेद हुसैन बेग, कमर हुसैन और अब्दुल रहीम राथर को पीडीपी ने पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इन नेताओं ने सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में मुर्मू से मुलकात की थी।

तांत्रे ने बताया कि पार्टी नेताओं को निकालना ठीक नहीं है। उन्हें पहले ‘कारण बताओ नोटिस’ दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘विचार करने के बाद मैंने अंतरात्मा की आवाज पर पार्टी को छोड़ने का फैसला किया।” तांत्रे ने कहा, ‘‘वह बुखारी से हाथ मिलाने और भविष्य की रणनीति पर सहयोगियों, दोस्तों और शुभचिंतकों से परामर्श के बाद फैसला लेंगे। “‘

उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल से मुलाकात अपराध नहीं है… मौजूदा परिदृश्य में हमें केंद्र और उपराज्यपाल से बात करनी होगी और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, पड़ोसी हिमाचल प्रदेश की तरह भूमि और रोजगार की रक्षा की मांग उठानी होगी जो बिना बातचीत संभव नहीं है।”

तांत्रे ने कहा, ‘‘अनुच्छेद-370 के साथ या उसके बिना हम देश से जुड़े हैं। लोगों को हालात सुधारने के लिए आगे आना चाहिए।” उन्होंने कहा कि पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टिंयों का स्वशासन का नारा खोखला है और हमने आगे बढ़ने और राज्य में शांति एवं समृद्धि के लिए अलग रवैया अपनाना होगाह।”

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