पटना। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बिहार में पहली पीढ़ी के नेताओं की छुट्टी कर बड़ा संदेश दिया है। पार्टी ने बिहार भाजपा के संस्थापक तीन नेताओं की किनारे कर दिया है। पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी, पथ निर्माण मंत्री रहे नंदकिशोर यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे रामनारायण मंडल बदल दिए गए हैं। चारों नेताओं के नाम बिहार भाजपा के संस्थापक दिग्गज में शुमार हैं। हालांकि, बिहार बीेजपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि सुशील मोदी को पार्टी नई जिम्‍मेदारी देने जा रही है। वे बीजेपी के लिए धरोहर हैं।

बिहार बीजेपी ने जिन नेताओं को किनारे किया, उनकी जगह सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है। सुशील मोदी की जगह वैश्य समाज के तारकिशोर प्रसाद को उपमुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी की गई है। इसी तरह चंद्रवंशी समाज के प्रेम कुमार की जगह नोनिया समाज की रेणु देवी को पार्टी ने नुमाइंदगी सौंपी है। नंद किशोर यादव की जगह औराई से पहली बार विधायक चुने गए रामसूरत राय को मंत्री बनाया गया है। 2015 का चुनाव रामसूरत राय हार गए थे। रामसूरत नित्यानंद के करीबी माने जाते हैं। मुजफ्फरपुर जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष रहे हैं। भाजपा ने तमाम बदलाव के जरिए बिहार में पार्टी के नए पौध को आगे बढ़ाने का काम किया है।

नीतीश सरकार में सहकारिता मंत्री रहे राजपूत समाज के राणा रणधीर सिंह की जगह आरा से विधायक चुने गए अमरेंद्र सिंह को मंत्री बनाया गया है। 74 वर्षीय अमरेंद्र सिंह भाजपा के सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। मुजफ्फरपुर से मंत्री रहे सुरेश शर्मा की जगह जाले विधायक जीवेश कुमार को मंत्री बनाया गया है। पहली बार जीवेश मंत्री बनाए गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here