नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा देश पर मंडरा रहा है। हालांकि देश में नए वैरिएंट का कोई केस सामने नहीं आया है। लेकिन भारत की राज्य सरकारें खासी सतर्कता बरत रहीं हैं।

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, खासकर अत्यधिक जोखिम वाले देशों से आने वालों के लिए मंगलवार मध्य रात्रि से कड़े नियम लागू हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को राज्यों को ढिलाई नहीं करने और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों तथा भू-सीमा से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी निगरानी करने की सलाह दी।नए नियमों के तहत जोखिम ग्रस्त देशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य हैं और जांच के नतीजे आने पर ही उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति मिलेगी। साथ ही, अन्य देशों से उड़ानों से आने वाले यात्रियों में से पांच प्रतिशत की कोरोना की जांच की जाएगी।

लोकसभा में आज कोरोना पर होगी चर्चा

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा में बुधवार को कोरोना महामारी पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि यह चर्चा कम अवधि वाली होगी। यह चर्चा नियम 193 के तहत होगी, जिसके तहत सदस्य सार्स-कोव-2 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बारे में विवरण मांग सकते हैं।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के. सुधाकर ने मंगलवार को कहा कि राज्य में प्रतिदिन लगभग 2,500 अंतरराष्ट्रीय यात्री आते हैं और सभी को अब आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य है, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आएगी, उन्हें सात दिन के लिए होम क्वारंटीन किया जाएगा।

हरियाणा सरकार ने कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के सामने आने पर पहली दिसंबर से स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने का निर्णय टाल दिया है।

नागपुर में स्कूल 10 दिसंबर और पुणे में 15 दिसंबर तक बंद

नागपुर के नगर आयुक्त राधाकृष्णन बी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए शहर में कक्षा एक से सात तक के स्कूल 10 दिसंबर तक नहीं खुलेंगे। उसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा। उधर, पुणे नगर निगम ने भी कक्षा 1 से 7 तक के स्कूलों को 15 दिसंबर के बाद खोलने की मंगलवार को घोषणा की है।

हवाई अड्डे पर ही इंतजार करने के लिए तैयार रहें

इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्री आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे आने तक हवाई अड्डे पर ही इंतजार करने के लिए तैयार रहें और वहां से अन्य स्थान के लिए पहले से संपर्क उड़ान बुक नहीं करें।दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 1,500 लोगों के रुकने की व्यवस्थाराष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों ने नए नियमों को लागू करने के लिए कमर कस ली है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ने एक बार में 1,500 तक यात्रियों को रखने की व्यवस्था की है। इनमें जोखिम वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्री भी होंगे, जो जांच रिपोर्ट आने तक रोके जाएंगे।

जांच और रुकने के लिए हर यात्री से लिए जाएंगे 1700 रुपये

अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक यात्री को आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी, जिसके लिए करीब 1,700 रुपये लिए जाएंगे। जांच रिपोर्ट आने तक उनके रुकने के दौरान भोजन-पानी भी इस राशि में शामिल है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रवक्ता ने कहा कि सभी एएआइ हवाई अड्डे केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का राज्य प्राधिकारों के साथ समन्वय कर लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। एएआइ का शीर्ष प्रबंधन भी स्थिति की निगरानी कर रहा है। एएआइ 34 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का संचालन करता है।

जोखिम ग्रस्त सूची में 11 देश

सरकार द्वारा 26 नवंबर को अपडेट की गई सूची के मुताबिक 11 देशों को जोखिम ग्रस्त सूची में रखा गया है। इनमें ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, इजरायल और हांगकांग शामिल हैं। पहले इस सूची में बांग्लादेश का भी नाम था, लेकिन मंगलवार को सरकार ने उसे इससे बाहर कर दिया। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने ढाका में कहा कि इस मुद्दे को भारत के समक्ष उठाया गया था। भारतीय उच्चायुक्त ने बताया है कि उनके अनुरोध पर बांग्लादेश को इस सूची से हटा दिया गया है।

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