डा.रजनीकांत दत्ता
पूर्व विधायक शहर दक्षिणी
वाराणसी ( यूपी )

वुहान चाइनीज कोरोना वायरस को नियंत्रण में लाने हेतु जिन आधारभूत सिद्धांतों की आवश्यकता है, इसके बारे में जब तक उन्हें भली-भांति जान नहीं लेते हैं तब तक सफल रणनीति बनाने में हम कामयाब नहीं होंगे।

हिंदुस्तान एक एथिनिक अर्थात भारतवासियों को दो धड़े यानी कि हिंदू और मुसलमान जो इस देश की आबादी का अधिकतम प्रतिशत है,वह सोशियोकल्चरल अर्थात सामाजिक और सांस्कृतिक परिपेक्ष्य में एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है।हिंदुओं के धर्म ग्रंथ,देवी देवताओं की मान्यता,रीति रिवाज,खान-पान, पहनावा, त्योहार,धार्मिक मान्यताएं और उनके कर्म कांड एक-दूसरे से बिलकुल अलग है और यही देश के बंटवारे का कारण भी बना था वैसे ही परिस्थितियां वर्तमान समय में भी है।

हिंदू मुसलमानों की राष्ट्रीयता भले ही एक हो लेकिन राष्ट्र धर्म और संप्रदाय की सोच एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। हिंदू यहां वसुदेव कुटुंबकम, सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की बात करता है और अनादि काल से आज तक उसकी विस्तार वादी मानसिकता नहीं रही।वहीं मुसलमान जिसका मजहब इस्लाम है मुस्लिम ब्रदरहुड की बात करता है, काफिरों के समूल विनाश की बात करता है और गजवा ए हिंद की मानसिकता रहता है।जब भी इस्लाम का सवाल सामने आएगा वह शरीयत की मान्यताओं को सर्वोपरि रखेगा।
वही उसका मुस्तकबिल है और वही उसके जीवन का उद्देश्य, उसके आगे राष्ट्र हित और राष्ट्र धर्म कोई मायने नहीं रखता।

मेरे प्यारे देशवासियों एक कट्टर मुसलमान अल्लाह ताला में ईमानदारी के साथ पूरा भरोसा रखता है और वह जानता है कि वही उसका भाग्य विधाता है, रक्षक है और मालिक है। इसलिए जितने भी रिचुअल्स कर्मकांड पाक कुरान शरीफ में बताए गए हैं और उनेके अनुसार जो भी उनके धर्म गुरु बताते हैं उसके सिवा और कोई भी दूसरा रास्ता भले ही वह सही क्यों ना हो और उन्हें मनुष्य जन्म या दैविक आपदा से छुटकारा दिलाने वाला हो उसे वे विधि सम्मत कानूनी दबाव में तब हरगिज नहीं मानेंगे।जब तक उनके धर्म गुरु उन्हें समझाते हुए फतवा जारी नहीं करेंगे।

आशा है कि चाइनीज कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में उपरोक्त सुझावों पर सरकार और हम ध्यान देंगे और जो छिपे हुए देश के गद्दार जो चाइना और पाकिस्तान के स्लीपर सेल्स है, उन्हें सरकारी और स्वयं सेवी संस्थाओं के विजिलेंस में रखा जाए। ताकि उन्होंने पूर्व में जो CAA और NRC के विरुद्ध भ्रामक प्रचार कर सामाजिक और साम्प्रदायिक समस्याएं पैदा की थी वैसा दुबारा ना कर पाए।

किसी ने ठीक ही कहा था कि,सनातन धर्मियों का पूरा और इस्लाम धर्म मानने वालों का 99 फीसद DNA भारतीय है। वक्त के सितम ने हमें इतना जागरुक कर दिया है कि,न हम हिंदू है, न मुसलमान है, न सिख है,न इसाई हैं,

पहले हम इंसान हैं और हिंदुस्तानी हैं।

शेष अगले भाग में

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here