एक ने तो की जान देने की भी कोशिश
विशेष संवाददाता
दिल्ली के Nizamuddin Jamaat Markaz निज़ामुद्दीन जमात मरकज़ से निकल कर तमाम राज्यों में फैल गये हज़ारों जमाती इस समय corona कोरोना महामारी की भयावहता से जूझ रहे देश की 135 करोड़ की आबादी के लिए सबसे गंभीर ख़तरा बन गये हैं। इन जमातियों की मंशा, इरादे और रवैये से यह चिंता और आशंका और बढ़ गयी है कि आने वाले दिनों की तस्वीर कैसी होंगी।
इसी पृष्ठभूमि में दक्षिणी दिल्ली में क्वारंटीन किए गए 160 से अधिक जमातियों द्वारा health workers स्वास्थ्य कर्मियों से अभद्र व्यवहार व डॉक्टरों पर थूकने की घटनाएं किसी ख़तरे की घंटी से कम नहीं। इन जमातियों को रेलवे की ओर से मुहैया करवाए गए स्थान पर quarantine क्वारंटीन किया गया है। इसकी पुष्टि उत्तर रेलवे के प्रवक्ता ने की है।
रेलवे कालोनी में संक्रमण फैलने की आशंका
निजामुद्दीन स्थित मरकज से मंगलवार शाम को निकाल कर 167 जमातियों को तुगलकाबाद स्थित quarantine centre क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। इन्हें यहां रखने पर Tughlakabad railway colony तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी निवासी अपने परिवारों की सलामती तथा संक्रमण फैलने को लेकर अपनी आशंका जाहिर कर चुके हैं। Railway Spokesman रेलवे प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा कि जमाती स्वास्थ्य कर्मियों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं और वह यहां-वहां घूमते रहते हैं। एक व्यक्ति ने तो खुदकुशी की भी कोशिश की।
मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से अनेक को coronavirus कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और कुछ की मौत हो चुकी है। रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि qarabtine centres क्वारंटीन केंद्रों में उन्होंने (निजामुद्दीन मरकज से निकालकर लाए गए लोगों ने) staff स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया और खुद को दिए जा रहे भोजन को लेकर आपत्ति जताई। यहां तक कि उन्होंने उन्हें देख रहे doctors डॉक्टरों और health workers स्वास्थ्य कर्मियों पर थूक तक दिया। इन लोगों ने क्वारंटीन केंद्रों में इधर-उधर घूमना बंद करने से भी मना कर दिया।
प्रवक्ता ने बताया कि हमने District Magistrate South East Delhi जिलाधिकारी दक्षिण-पूर्वी दिल्ली को सूचना दी और जमातियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सुरक्षा करने या इन्हें किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर भेजने का आग्रह किया। शाम साढ़े पांच बजे Delhi Police दिल्ली पुलिस के चार और CRPF सीआरपीएफ के छह जवानों तथा एक PCR van पीसीआर वैन को क्वारंटीन केंद्रों पर तैनात किया गया। जिला अधिकारियों ने इन लोगों में से 97 को dieesel shade training school hostel डीजल शेड ट्रेनिंग स्कूल हॉस्टल क्वारंटीन और 70 को RPF आरपीएफ बैरक क्वारंटीन केंद्र में रखा गया है।
रेलवे कॉलोनी के लोगों ने आरोप लगाया कि मरकज से वहां लोगों को लाए जाने के 24 घंटे बाद भी कॉलोनी को संक्रमण मुक्त नहीं किया गया है। वायरस के प्रसार के डर से निवासी घरों के अंदर रहे और आवश्यक चीजें लेने भी बाहर नहीं जा पाए।
कॉलोनी के एक निवासी ने कहा कि बस के पास खड़े बहुत से लोगों ने खांसा, छींक मारी और यहां तक कि सड़क पर थूका भी। हम कैसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं?
कहा जाता है कि इसका वायरस हवा और जमीन पर आठ घंटे तक जीवित रहता है। इसे देखते हुए उनकी चिंता वाजिब है।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मुद्दे पर पहले ही जिले के अधिकारियों से बात कर चुके हैं।