नई दिल्ली । चीन निर्मित सामान के लिए एक कहावत आम हे, ” सस्ता मगर घटिया”। इसके किसी भी मिल की गारंटी नहीं होती। यहां तक कि कोरोना वायरस को दुनिया भर में बाँटने वाला चीन जो टेस्ट किट सप्लाई कर रहा है वे भी घटिया निकल रही है और दुनिया में थू थू हो रही है पर चीन है कि चेतने का नाम ही नहीं ले रहा है।

भारत के साथ भी उसने यही किया। इसलिए आगे आ गयी एक दक्षिण कोरियाई कंपनी (South Korea-based company) ने भारत में हरियाणा (Haryana) के मानेसर में अपनी भारतीय सब्सिडियरी लगाई है और पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट (Rapid Antibody Test) का उत्पादन किया है जो अब कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रसार के बीच प्रयोग के लिए उपलब्ध हैं।

एसडी बायोसेंसर (SD Biosensor) नाम की इस कंपनी ने अपनी हरियाणा (Haryana) शाखा से इसका उत्पादन शुरू किया है, जिसमें 5 लाख किट उत्पादन की क्षमता है। यह बात दक्षिण कोरिया (South Korea) की राजधानी सियोल में स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में कही है।

कंपनी के चेयरपर्सन योंग शिक चो को दक्षिण कोरिया (South Korea) में भारत की राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने बुलाया था ताकि वे COVID-19 महामारी से निपटने की कंपनी की गतिविधियों और योजनाओं के बारे में बातचीत कर सकें।

यह कदम इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के उस बयान के बाद आया है। जिसमें उसने कहा था कि दक्षिण कोरिया से कम से कम पांच लाख रैपिड टेस्ट किट लिए जाएंगे। हुमासिस लिमिटेड से आने वाली खेप चार बैच में आनी संभावित है। यह 30 अप्रैल से केंद्र के पास आएगी, जिसे राज्यों को दिया जाएगा।

चीन में बनी रैपिड टेस्ट किट निकली थीं खराब

रैपिड टेस्ट किट के जरिए यह टेस्ट किया जाएगा कि किसी व्यक्ति ने अपने खून में नए कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी (Antibody) विकसित किए हैं या नहीं, जिससे यह तय होगा कि उसका इस वायरस से संपर्क हो चुका है या नहीं ।

दक्षिण कोरिया की यह कंपनी भारत में तेजी से उत्पादन अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए भी कर रही है। क्योंकि चीन (China) में कोरोना वायरस की जांच के लिए बनी रैपिड टेस्टिंग किट को कई बार खराब और गलत नतीजे दिखाने वाली पाया गया है ।

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