विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का खनिज विभाग अब जाकर चेता है कि दक्षिणाचल के सोनभद्र में तीन हजार टन सोना (Gold) है। जबकि सोन नदी के किनारे रहने वाले वनवासी अनंत काल से नदी की तलहटी की बालू से सोना निकालते रहे हैं । हालांकि यह कष्ट साध्य काम रहा है और ज्यादा सोना नहीं मिलता था उनकी बालू छानने की पद्धति से।
खनिज विभाग का दावा है कि सोना जमीन के अंदर दबा हुआ है। जल्द ही इस सोने को निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम पिछले 15 साल से यहां काम कर रही थी। टीम ने आठ साल ही पहले जमीन के अंदर सोना होने की पुष्टि कर दी थी। यूपी सरकार ने अब तेजी दिखाते हुए सोने को बेचने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गांव की पहाड़ियों के पास मिला सोने का भंडार
गौरतलब है कि वर्ष 2005 से जीएसआई की टीम सोने की तलाश के लिए काम कर रही थी। टीम ने गहन अध्ययन करने के बाद सोनभद्र में सोना होने के बारे में बताया था और वर्ष 2012 में इस बात की पुष्टि भी कर दी थी। टीम ने बताया था कि सोनभद्र की पहाड़ियों में सोना मौजूद है। जीएसआई के अनुसार हरदी क्षेत्र में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार है वही सोन पहाड़ी में 2943.25 टन सोने का भंडार है।
दो गांव की 22 फरवरी तक होगी जियो टैगिंग
यूपी सरकार ने तेजी दिखाते हुए सोने के ब्लॉक के आवंटन के संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है सोनभद्र के कोन क्षेत्र के हरदी गांव में और महुली क्षेत्र के सोन पहाड़ी में सोने का एक बड़ा भंडार मिलने की पुष्टि हो चुकी है. ई-टेंडरिंग के माध्यम से ब्लॉकों के नीलामी के लिए शासन ने सात सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है. यह टीम पूरे क्षेत्र की जिओ टैगिंग करेगी और 22 फरवरी, 2020 तक अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंप देगी।
सोनभद्र यूरेनियम होने की भी संभावना
सोने के साथ-साथ सोनभद्र के फुलवार क्षेत्र में दो स्थानों- सलैयाडीह क्षेत्र में एडालुसाइट, पटवध क्षेत्र में पोटाश, भरहरी में लौह अयस्क और छपिया ब्लाक में सिलीमैनाइट के भंडार की भी खोज की गई है। जिले के खनिज अधिकारी के.के राय ने बताया कि सोनभद्र जिले में यूरेनियम के भी भंडार होने की संभावना है जिसकी तलाश में केंद्रीय और अन्य टीम लगी हुई हैं।