पिछले करीब एक महीने से मध्य प्रदेश में चली आ रही सियासी उठापटक सोमवार को थम गयी।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान ने मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम तय कर दिया है और आज शाम 7 बजे वह शपथ ले सकते हैं।
दरअसल 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में अब तक शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। पार्टी का एक खेमा भी मौजूदा विधानसभा में संख्या गणित को देखते हुए अभी फिलहाल शिवराज सिंह चौहान को ही कमान देने का दबाव बना रहा था। अन्य दावेदारों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी ज़रूर सामने आया।
शिवराज सिंह चौहान चौथी बार लेंगे शपथ
गौरतलब है कि शिवराज सिंह 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके फिर सीएम बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं।
प्रह्लाद पटेल और थावरचंद के नाम पर भी हुई थी चर्चा
भाजपा सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ सरकार गिरने के बाद दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के घर पर हुई भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक में प्रह्लाद पटेल के नाम पर गंभीरता से विचार हुआ था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कमान सौंपकर राज्य में दलित कार्ड खेलने पर भी चर्चा हुई थी। गहलोत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी करीब माना जाता है। संघ में भी उनकी अच्छी छवि है। उधर प्रह्लाद पटेल न सिर्फ भाजपा संगठन के पुराने जमीनी कार्यकर्ता हैं बल्कि संघ की विचारधारा के प्रति उनकी निष्ठा भी असंदिग्ध है। उनकी नर्मदा यात्रा भी राज्य में खासी लोकप्रिय हुई थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने शिवराज के नाम पर ही मुहर लगा दी है।