दुनिया भर में भयावह होते जा रहे कोरोना संक्रमण के तीसरे चरण से देश को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशवासियों से रविवार को जनता कर्फ्यू लगाने की अपील को शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों ने सिरे से नकार दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे पीएम के आग्रह को कतई नहीं मानेंगी और रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। 

कोरोना के खतरे के बीच भी वे अपनी उस मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन करती रहेंगी, जिसके लिए वे पिछले 16 दिसंबर से मैदान में डटी हुई हैं। महिलाओं ने स्पष्ट किया है कि उनके लिए कोरोना से ज्यादा नागरिकता कानून का खतरा है और वे अपनी ‘आज़ादी’ के लिए संघर्ष जारी रखेंगी।

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों में शामिल रूबी ने कहा कि सरकार कोरोना को देश के लिए बड़ा खतरा बता रही है। अनेक देशों में इस खतरे से कई लोगों की जानें गई हैं। लेकिन उनके लिए कोरोना से नागरिकता कानून और एनआरसी का खतरा ज्यादा बड़ा है क्योंकि इस कानून के पास हो जाने से उनके जैसे लाखों-करोड़ों लोगों के बेघर हो जाने का खतरा है। अगर ऐसा होता है तो लाखों लोग मरेंगे, इसलिए वे धरने से उठने की बजाय कोरोना का सामना करना ज्यादा बेहतर समझती हैं।

एक अन्य प्रदर्शनकारी महिला शबीना बेगम ने कहा कि सरकार आज तक कई तरीकों से उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करती रही है। अब कोरोना वायरस के खतरे के बहाने उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब इसी समय संसद चल रही है और वहां सैकड़ों लोग इकट्ठे हो रहे हैं तो ऐसे में क्या उन्हें कोरोना का खतरा नहीं हो रहा है? 

इन प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि मेट्रो, बसों और ट्रेनों में भारी संख्या में लोग यात्रा कर ही रहे हैं, अगर कोरोना का खतरा इतना ही बड़ा है तो इन सभी चीजों को रोक क्यों नहीं दिया जाता ? उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य के प्रति पूरी सतर्कता रखते हुए एनआरसी कानून के खिलाफ जंग जारी रखेंगे। उनके लिए कोरोना से ज्यादा बड़ा खतरा नागरिकता कानून का है। उनके लिए कोरोना और नागरिकता कानून दोनों पर जीत बेहद जरुरी है।  

प्रदर्शनकारियों में शामिल एक महिला का कहना है कि स्वास्थ्य देश की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर प्रधानमंत्री कोरोना से लड़ने के लिए सभी को साथ आने के लिए अपील करते हैं तो इसमें सभी को साथ देना चाहिए क्योंकि जान से बड़ी चीज कुछ भी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री की जनता कर्फ्यू की अपील का समर्थन करती हैं।   

प्रदर्शनकारियों की सेहत का ख्याल

रूबी ने बताया कि वे अपने लोगों की सेहत के प्रति पूरी तरह जागरूक हैं। प्रदर्शन स्थल पर सैनेटाइजर रखा गया है। धरना स्थल पर आने के पहले सभी को अपना हाथ धोना और सैनेटाइजर करना अनिवार्य कर दिया गया है।

धरना स्थल पर ज्यादा उम्र की जो दादियां बैठी हुई हैं, उन सबके पास सैनेटाइजर रखा गया है। इसके अलावा धरना स्थल के पास बने स्कूल में भी सभी लोगों को हाथ धोने के लिए साबुन-पानी का इंतजाम किया गया है।    

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