वाशिंगटन। अगले साल जनवरी महीने में जब जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करेंगे तब उन्हें विरासत में ऐसी महामारी मिलेगी जिसने देश में तबाही मचाई हुई है। इसी क्रम में उनकी टीम ने बीते सप्ताह एक 13 सदस्यीय टीम का गठन किया है जो कोरोना की रोकथाम के लिए सलाह देंगे। इनमें से एक हैं डॉ. सेलिन गाउंडर । सेलिन संक्रामक बीमारियों की एक्सपर्ट हैं। वो न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार से बातचीत में सेलिन ने कोरोना महामारी की रोकथाम, नस्लीय भेदभाव पर रोक, स्कूलों को खुला रखने की संभावना पर खुलकर अपनी राय रखी है।

सेलिन ने कहा है कि कोरोना की रोकथाम के लिए बनाया बोर्ड गंभीरता के साथ इस मुद्दे को देखेगा।बोर्ड इस मुद्दे पर और वृहद स्तर और रचनाशीलता के साथ अपनी सलाह देगा जिससे महामारी का असर कम से कम लोगों पर पड़े।

उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्य कम से कम हफ्ते में एक बैठक जरूर करेंगे।कोरोना को लेकर हम जो भी प्लान तैयार करेंगे उसमें नस्लीय भेदभाव को पहली प्राथमिकता पर रखेंगे।हम टेस्टिंग सुविधा को लेकर अश्वेत लोगों का विशेष खयाल रखेंगे। उन लोगों को बीते महीनों के दौरान पूरी तरह से ये सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। साथ ही हम अमेरिका के मूल निवासियों को लेकर भी विशेष योजना तैयार कर रहे हैं।

स्कूलों को खुला रखने की करेंगे कोशिश

कोरोना महामारी के बीच स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर सिलेन ने कहा-हम कोशिश करेंगे कि स्कूल खुले रहें। इसके लिए हम स्कूलों को सुविधा मुहैया कराने की भी पूरी कोशिश करेंगे। मैं स्कूल को एसेंशियल सर्विस के रूप में देखती हूं.

वहीं अमेरिका के सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) को लेकर उन्होंने कहा कि सीडीसी दुनिया की अग्रणी पब्लिक हेल्थ एजेंसी है। कोरोना महामारी के दौरान उसका रोल छोटा कर दिया जबकि वो महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकते थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गंभीरता से ध्यान देना होगा। साल 2008 के बाद से ही इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर बजट घटाए गए और स्टाफ की कमी रही।

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