नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे पर राज्य सरकारों की शिथिलता पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश जारी किया। कोर्ट ने सभी राज्यो को कोरोना से अनाथ हुए बच्चो के साथ मुआवजे के सभी विवरण एक हफ्ते के भीतर देने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा सभी योग्य पीड़ितों तक मुआवजा पहुँच सके इसके लिए राज्यों को SLSA के साथ समन्वय बनाने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति का भी निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योकि मुआवजे का लाभ उन सभी तक पहुचे जिन्होंने आवेदन नही किया है। साथ ही ताकीद भी की कि यदि राज्य इसे पूरा करने में असफल रहते है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को यह भी निर्देश दिया कि मुआवजे के लिए जो भी आवेदन आए, उनके आने के 10 दिनों के भीतर वे मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करे।

आज सुनवाई के दौरान जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि किसी भी राज्य ने इस मामले कोई विवरण नहीं दिया है। राज्यो ने केवल आंकड़े ही दिए हैं।

इसके अलावा कोर्ट ने कर्नाटक राज्य की ओर से मुआवजे के दिए गए चेक बाउंस होने पर कहा राज्य इस बात का ध्यान रखे कि आगे से ऐसा न हो।
कोर्ट ने कहा फिलहाल हम कोई आदेश जारी नही कर रहे है, लेकिन हमारे आदेशों के बावजूद सरकारें कोताही बरत रही हैं।

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