रूस और अमेरिका के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण चल रहे हैं. दोनो देशों के बीच संबंधों का इतिहास भी बहुत अच्छा नहीं है. अमेरिका में नया प्रशासन आने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि दोनों के बीच तनाव कुछ होगा लेकिन रूस की नई लिस्ट ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है. रूस ने अपने दुश्मन देशों की लिस्ट जारी है. ये लिस्ट बहुत लंबी नहीं है.
इस लिस्ट में सिर्फ दो ही नाम हैं- पहला अमेरिका और दूसरी चेक रिपब्लिक का. रूस ने दोनों देशों को आधिकारिक रूप से अपने दुश्मन देशों की सूची में रखा है. कुछ दिनों पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि उनकी ओर से जल्द ही दुश्मन देशों की सूची जारी की जाएगी. वहीं दोस्त देशों को लेकर विदेश मंत्री ने कहा था कि इसके लिए मापदंड तय किए जा चुके हैं.
राजनयिकों के निष्कासन से बढ़ा तनाव
लिस्ट जारी करते हुए रूस की सरकार ने कहा कि चेक दूतावास ज्यादा से ज्यादा 19 रूसियों को काम पर रख सकता है जबकि अमेरिकी दूतावास को किसी भी रूसी को काम पर रखने की अनुमति नहीं है. अमेरिका और रूस के बीच तनाव नए सिरे से तब शुरू अप्रैल में वाशिंगटन ने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप, साइबर हमले और दूसरी गतिविधियों के लिए 10 रूसी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा की थी.
अमेरिका इस फैसले का जवाब देते हुए रूस ने भी 10 अमेरिकी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा कर दी थी. साथ ही शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के प्रवेश पर भी बैन लगा दिया था. इतना ही नहीं रूस ने अमेरिकी दूतावास पर किसी विदेशी नागरिक को काम पर रखने पर भी रोक लगा दी थी.
नवलनी मुद्दे पर अमेरिका ने की थी आलोचना
बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने के बजाय और ज्यादा गर्त में जा रहे हैं. अमेरिका ने पुतिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी को गिरफ्तार किए जाने को लेकर भी क्रेमलिन की आलोचना की थी. बीते कुछ महीनों में रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ा है. इसका प्रमुख कारण यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के निर्माण को माना जा रहा है.