नई दिल्ली। आज यानी शुक्रवार 1 अक्टूबर से देश में वित्तीय लेन-देन से जुड़े नियमों में ऐसे कई अहम बदलाव हो गए और जिनका आप पर सीधा असर पड़ेगा। ये बदलाव बैंकिंग, भुगतान लेन-देन विधि और शेयर मार्केट आदि से जुड़े हैं।

आपके क्रेडिट, डेबिट कार्ड, वॉलेट आदि पर ऑटो डेबिट का नियम बदल गया है। RBI के नये नियम लागू हो गए। रिजर्व बैंक ने इसके लिए ही एडिशनल फैक्टर ऑफ आथेंटिकेशन सुविधा शुरू की है। ई-मैंडेट के तहत अब पांच हजार से कम रकम बस पूर्व सूचना देकर काटी जाएगी और इससे ऊपर की रकम पर ओटीपी के द्वारा भुगतान लागू होगा।

तीन बैंकों कक चेकबुक बेकार हो गई। अगर आपका इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स या यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में अकाउंट है, तो ये जानकारी आपके लिए ही है. 1 अक्टूबर, 2021 से आपके पुराने चेकबुक बेकार हो चुके हैं। आप नए चेकबुक के लिए इन बैंकों से संपर्क कर सकते हैं।

 सेबी ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट रखने वाले लोगों को 30 सितंबर 2021 से पहले KYC डिटेल्स अपडेट करने के लिए कहा था। तो अगर आपने अब तक अपने डीमैट अकाउंट में केवाईसी अपडेट  नहीं किया है तो आपका डीमैट अकाउंट सस्पेंड हो गया समझिए और आप बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे.। यह तब तक चालू नहीं होगा, जब तक आप केवाईसी अपडेट नहीं कर लेते।

इसी तरह अब शेयर बाजार के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में आपको नॉमिनी की  जानकारी देनी जरूरी है। अगर कोई निवेशक नॉमिनेशन नहीं देना चाहता तो उसे इसके बारे में एक डेक्लेरेशन फॉर्म भरकर देना होगा। पुराने डीमैट खाताधारकों को भी फॉर्म भरकर 31 मार्च, 2022 तक यह जानकारी देनी है। अगर आप कोई जानकारी नहीं देते तो ट्रेडिंग और डीमैट खाते को फ्रीज कर दिया जाएगा।

फूड खाद्य सुरक्षा नियामक ने फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के लिए नकद रसीद या खरीद चालान पर एफएसएसआई लाइसेंस नंबर या पंजीकरण संख्या की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।अगर किसी कारोबारी ने इस नियम को फॉलो नहीं किया तो उसका लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।

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