राज्यसभा की दोनों सीटों पर घोषित कर दिये अपने ही प्रत्याशी
राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार से राज्यसभा की दो सीटों के लिए महागठबंधन से अपने ही दल के दोनों प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को करारा झटका दिया है। राजद के इस कदम से नाराज़ कांग्रेस अब आरजेडी पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि राज्यसभा की एक सीट उसे देने का वादा किया गया था। इसी साल राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। उससे पहले ही अब महागठबंधन में तकरार शुरू हो गयी है।
कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि जब तेजस्वी यादव अभी वादा नहीं निभा रहे तो उनसे आगे कैसे कोई उम्मीद की जाए। कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, ‘आज तेजस्वी यादव कह रहे है कि उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से बात करने के बाद ही उम्मीदवारों की घोषणा की है। उनकी यह बात सही हो सकती है कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को ज्यादा सीट देने की बात का वादा किया हो। लेकिन तेजस्वी यादव को राज्यसभा की सीट के लिए किए गए वादे को भी बताना चाहिए। उन्होंने राज्यसभा में एक सीट कांग्रेस को देने का वादा किया था। उन्होंने जब उस वादे को नहीं निभाया तो कैसे मान लें कि विधानसभा चुनाव को लेकर किए गए वादे को निभाएंगे।’
नामांकन में नहीं पहुंचे कांग्रेसी
गुरुवार को सुबह ही आरजेडी ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की और दोनों प्रत्याशियों ने आज ही नामांकन भी कर दिया। मजेदार बात यह है कि अमरेंद्र धारी सिंह के प्रस्तावक तक को आरजेडी के कई विधायक नहीं जानते थे। वहीं कांग्रेस का कोई भी नुमाइंदा या विधायक आरजेडी के नामांकन में नहीं पहुंचा।
चिट्ठी के इनकार से कांग्रेस नाराज
गुरुवार की सुबह आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। उसके बाद पत्रकारों ने कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल की चिट्ठी के बाबत सवाल किया। सवाल के जवाब में जगदानंद सिंह ने चिट्ठी को ही फर्जी बता दिया। इससे नाराज कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल की वो चिट्ठी सार्वजनिक कर दी। अब कांग्रेस का कहना है कि आगे का फैसला आलाकमान को ही लेना है।