विशेष संवाददाता

नहीं मिली कोर्ट से राहत

समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आज़म खां , उनकी पत्नी तज़ीन फ़ातिमा और पुत्र अब्दुल्ला आज़म शनिवार दोपहर रामपुर एडीजे-6 की कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बकरी और भैंस चोरी समेत कुल 47 मामलों में आत्मसमर्पण के लिए अर्जी दायर की थी। साथ ही अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट रखने के आरोप में दर्ज मुकदमों की भी सुनवाई हुई।

दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट के मामले में आज़म खां और उनके परिवार की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 16 और 17 मार्च की तारीख तय की है। इसका मतलब यह हुआ कि आज़म खां, तज़ीन फ़ातिमा और अब्दुल्ला आज़म को अब 17 मार्च तक सीतापुर जेल में ही रहना पड़ सकता है।

बता दें कि शनिवार सुबह पेशी के लिए सीतापुर से रामपुर जाते वक्त आजम खां ने कहा था कि जेल के अंदर उनके साथ आतंकवादियों जैसा सलूक किया जा रहा है। आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रामपुर एडीजे-6 की कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। रामपुर एडीजे-6 की कोर्ट ने ही आजम खां, उनकी पत्नी तजीन और पुत्र अब्दुल्ला को दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पासपोर्ट रखने के मामले में जेल भेजा है।

बहू ने जेल प्रशासन पर लगाए आरोप

कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज़म खां की बहू ने सीतापुर जेल प्रशासन पर आज़म खां को उनके पोते से भी नहीं मिलने देने का अरोप लगाया। बहू सिजरा अदीब शुक्रवार को सीतापुर जेल में अपने ससुर, सास और पति से मिलने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि बैरक में मच्छरों की वजह से आजम खां, तजीन और अब्दुल्ला को नींद नहीं आ रही है और ये लोग बहुत तकलीफ में हैं।

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