बड़े पैमाने पर हो रहे असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा पर अब लगाम लगाई जाएगी। एसआईटी ने इसकी पहल की है। प्राथमिक रिपोर्ट में पूरे यूपी में एक असलहा रजिस्टर व्यवस्था लागू करने की संस्तुति की जाएगी। एक तरह के फॉर्मेट से पूरी जानकारी प्रशासन के पास होगी और फर्जीवाड़ा रुक सकेगा। नई व्यवस्था की शुरुआत कानपुर से होगी।
प्रदेश के हर जिले में अलग-अलग तरह से असलहा रजिस्टर तैयार होता है। बेहतर ढंग से इसे न तैयार करने की वजह से फर्जीवाड़े की संभावना रहती है। प्रशासन के पास असलहा लाइसेंसधारक की पूरी जानकारी भी नहीं होती हैं। इसे रोकने की अब तैयारी है। एसआईटी ने शासन को यूपी में एक असलहा रजिस्टर सिस्टम लागू करने की सिफारिश की है। इससे असलहे का लाइसेंस लेने वाले की हर जानकारी प्रशासन के पास होगी। उस रजिस्टर को देखकर फर्जीवाड़े की संभावना खत्म हो जाएगी। एसआईटी के मुताबिक जल्द ही यह हर जिले में लागू होगा।
इस तरह बनेगा
एसआईटी के मुताबिक इसके लिए फॉर्मेट तैयार होगा जो असलहा रजिस्टर में छपा रहेगा। उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी। नाम-पता, पुरानी व वर्तमान फोटो, परिवार का सिजरा, असलहे का प्रकार, खरीदने का साल, कारतूस की संख्या, परिवार के दो सदस्यों का ब्योरा बतौर गवाही, उनका पूरा ब्योरा, यूनिक आईडी नंबर आदि की जानकारी होगी।
डीएम या एडीएम करेंगे सत्यापन
फॉर्मेट में सत्यापन का भी कॉलम होगा। हर महीने एडीएम या डीएम को सत्यापन करना होगा। उसकी रिपोर्ट उसमें लिखी जाएगी। इससे अफसर बदलने के बावजूद बाबुओं का रजिस्टर खेल नहीं चल सकेगा। हर जानकारी अफसरों के सामने होगी।
हर जिले में अलग-अलग असलहा रजिस्टर चलता है। इससे आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है। एसआईटी एक असलहा रजिस्टर फॉर्मेट की संस्तुति करेगी। शुरुआत कानपुर से होगी जो पूरे यूपी में लागू होगी।