रामपुर । मदरसे की छात्रा से बलात्कार करने के मामले में मदरसे में पढ़ाने वाले मौलवी को कोर्ट ने बीस साल का सश्रम कारावास और पचास हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माना की राशि पीड़ित बालिका के परिजनों को उसके पुनर्वास के लिए देने के आदेश दिए हैं। 

यह मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र का है। क्षेत्र के गांव में मदरसे में पढ़ने वाली आठ साल की बालिका के परिजनों ने अजीमनगर थाने में चार मार्च 2019 को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि मदरसे के मौलवी कारी तलहा मदरसे में पढ़ने वाली उसकी आठ साल की बेटी के साथ मौलवी दो माह से अश्लील हरकतें कर रहा है।

आरोप था कि उसकी बेटी को नग्न कर उसके अंगों से छेड़खानी करता था। पुलिस ने इस मामले में पहले 354 के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन बाद में पुलिस ने अपनी तफ्तीश में मौलवी पर पास्को एक्ट के साथ ही बलात्कार की भी धारा लगाते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट मे इस मामले की सुनवाई हुई और फिर इस मुकदमे का फैसला सुनाया। 

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित सक्सेना ने पीड़िता और उसके परिजनों समेत अन्य को गवाह के तौर पर पेश किया, साथ ही आरोपी को कड़ा सजा देने की मांग रखी, जबकि बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने मौलवी कारी तलहा को दोषी मानते हुए बीस साल की कैद और पचास हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माना की राशि पीड़िता के परिवार को बालिका के पुनर्वास के लिए देने के आदेश दिए हैं।

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