नई दिल्ली।  वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने 2007 में IPS अधिकारी राजीव त्रिवेदी के खिलाफ गलत न्यूज चलाने को लेकर बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगी है। जिसके बाद ट्वीटर पर #FakeNews के साथ राजदीप की जमकर आलोचना की जा रही है.

बीजेपी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने लिखा है कि, मुझे अहसास है कि ये खबर झूठी थी, राजदीप सरदेसाई को ये अहसास कानूनी मामले में थप्पड़ खाने के बाद हुआ है और उनके पास माफी मांगने के अलावा कोई और विकल्प नही था।

मालवीय ने अपने ट्वीट के साथ एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर को शेयर किया है। जिसमें कहा गया है कि ये मामला साल 2007 में सामने आया था, जब आईपीएस राजीव त्रिवेदी ने राजदीप और कुछ और लोगों पर मानहानि का आपराधिक केस दर्ज किया गया था।जिसको लेकर राजदीप ने कोर्ट से माफी मांगी है।

टेलीविजन एंकर राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) और अन्य को सोहराबुद्दीन की कथित मुठभेड़ हत्या मामले पर झूठी रिपोर्टिंग के लिए बिना शर्त माफी जारी करने के बाद पिछले साल नवंबर में हैदराबाद की एक अदालत ने बरी कर दिया था।

मई 2007 में, सीएनएन-आईबीएन के तत्कालीन प्रधान संपादक राजदीप सरदेसाई ने सोहराबुद्दीन मामले (Sohrabuddin case) पर ’30 मिनट – सोहराबुद्दीन, द इनसाइड स्टोरी ‘शीर्षक से एक कार्यक्रम चलाया था।

कार्यक्रम में, चैनल ने दावा किया कि IPS अधिकारी राजीव त्रिवेदी, जो उस समय हैदराबाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का हिस्सा थे, सोहराबुद्दीन मामले की जांच कर रहे थे, उन्होंने सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी गौसर बी को अहमदाबाद ले जाने के लिए फर्जी नंबर प्लेट वाली कारें मुहैया कराई थीं, जहां पर वे मारे गए थे एक मुठभेड़ में।

बाद में आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा सरदेसाई और सीएनएन-आईबीएन (CNN-IBN) के दस अन्य पत्रकारों के खिलाफ हैदराबाद की एक अदालत में शिकायत दर्ज की गई। अदालत के सामने ये आरोप लगाया गया था कि रिपोर्ट ने राजीव त्रिवेदी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया था और झूठे, मनगढ़ंत और अपमानजनक थे।

इसके बाद प्रतिवादियों ने उनके खिलाफ मामले को खारिज करने के लिए हैदराबाद में हाईकोर्ट से निर्देश मांगा था, लेकिन अप्रैल 2011 में याचिका खारिज कर दी गई थी. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एक एसएलपी (स्पेशल लीव पटिशन) को मई 2015 में खारिज कर दिया गया था. इस मामले को नोएडा स्थानांतरित करने की याचिका भी खारिज कर दी गई थी।

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