चंडीगढ़। पंजाब विधान सभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करने वाली कांग्रेस का क्या एक और बड़ा विकेट गिरने वाला है? यह सवाल खड़ा हुआ है पार्टी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर। बिट्टू सोमवार को मोदी जी से मिले, इसके बाद से अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इस मुलाकात को लुधियाना के कांग्रेस नेता के पाला बदलने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू का कहना है कि PM से मुलाकात केवल पंजाब के मुद्दों पर चर्चा के लिए हुई थी। उनके करीबियों ने भी इससे इनकार किया कि बिट्टू भाजपा ज्‍वॉइन कर रहे है। उन्‍होंने कहा कि पीएम चाहते हैं बिट्टू पंजाब में सत्‍ताधारी आम आदमी पार्टी से लड़ें। बता दें कि अपने दादा और पूर्व सीएम बेअंत सिंह की वर्ष 1995 में हत्‍या के बाद से बिट्टू पार्टी में हिंदू चेहरे के तौर पर पहचाने जाते हैं।

सीनियर कांग्रेस लीडर ने पीएम के साथ मुलाकात की फोटो ट्वीट की हैं, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा है, ‘आज देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की और पंजाब के मुद्दों पर चर्चा की’। पंजाब विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के हाथों शिकस्त के बाद राज्‍य कांग्रेस इस समय ‘साइलेंट मोड’ में है। पार्टी की ओर से इस मुलाकात को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, वैसे पार्टी नेताओं का मानना है कि इस मुलाकात को लेकर बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।।

77 से महज 18 सीटों पर सिमटी कांग्रेस

पिछले माह चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद पंजाब में कांग्रेस पार्टी सदमे में है। अरविंद केजरीवाल की AAP ने पंजाब में धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा को पटखनी दी थी। कांग्रेस का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि 2017 में 77 सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी इस बार केवल 18 सीटें ही जीत पाई। हार के बाद राज्‍य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को इस्‍तीफा देना पड़ा है।।पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी अब तक नियुक्‍त नहीं किया गया है।

बिट्टू इसलिए नाराज हैं

रवनीत सिंह बिट्टू को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का करीबी माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ समय से वह पार्टी से नाराज चल रहे हैं। दरअसल, बिट्टू चाहते थे कि उन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाए, लेकिन कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी पर विश्वास जताया था।।बिट्टू को चन्नी, सिद्धू और अमरिंदर सिंह का विरोधी माना जाता है। भले ही बिट्टू BJP में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर रहे हों, लेकिन CM न बन पाने की कसक के चलते उनके पाला बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।