मुंबई। पालघर हिंसा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद नागपुर में दर्ज केस में पूछताछ के लिए रिपब्लिक भारत के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी आज मुंबई के एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंचे । समाचार लिखे जाने के समय उनसे तकरीबन दस घंटे से पूछताछ जारी है। इस दौरान उनके वकील भी उनके साथ हैं ।

देखिए स्वामी क्या कहते हैं सोनिया के बारे में । है दम तो करे स्वामी पर केस

पुलिस स्टेशन जाने के दौरान अर्णब विजय की मुद्रा दिखाते हुए नजर आए। समझ मे नही आता कि एक टिप्पणी को लेकर इतनी लम्बी पूछताछ का क्या औचित्य है? असल मे इस बहाने अर्नब को परेशान किया जा रहा है। महाराष्ट्र मे अघाडी सरकार मे कांग्रेस शामिल है और गृहमंत्री एनसीपी का है।

12 घंटे में मुंबई पुलिस ने भेजा दो नोटिस

इससे पहले रविवार को मुंबई पुलिस ने 12 घंटे में उन्हें पूछताछ के लिए दो नोटिस भेजे थे। पुलिस ने गोस्वामी को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत सोनिया पर बयान देने वाले मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा। यह एफआईआर कांग्रेसी मंत्री नितिन राऊत ने दर्ज करवाई है। नागपुर में दर्ज इस एफआईआर को मुंबई में ट्रांसफर कर दिया गया है। टीवी पत्रकार ने अपने खिलाफ पुलिस कीकार्रवाई पर कहा है,’मुंबई पुलिस को मुझ पर हुए हमले की जांच में भी तेजी दिखानी चाहिए।’

अर्णब ने कहा- मेरे ऊपर हुए हमले की जांच में भी पुलिस दिखाए तेजी

पूछताछ में जाने से पहले अर्णब ने बयान जारी कर कहा है, ‘सोनिया पर बयान वाले केस में मुंबई पुलिस मुझसे पूछताछ करना चाहती है…ये कहते हुए मुझे उसने 12 घंटों में दो नोटिस भेजे हैं। कानून के तहत बाध्य नागरिक होने के नाते मैं जांच में सहयोग कर रहा हूँ। साथ ही अपील है कि पुलिस ऐसी ही तेजी मुझ पर और मेरी पत्नी पर 23 अप्रैल को हुए हमले के केस में भी दिखाए।’

रिपब्लिक टीवी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

सोनिया गांधी पर कथित विवादित टिप्पणी के बाद अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। कांग्रेस नेताओं ने अब मुंबई हाईकोर्ट में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि रिपब्लिक टीवी को बंद करने का आदेश दिया जाए।

गिरफ्तारी पर तीन हफ्ते की रोक

अर्णब गोस्वामी को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन हफ्ते तक अग्रिम जमानत याचिका दायर करने की मोहलत दी गयी है। गोस्वामी ने लगातार एफआईआर दर्ज होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें यह आंशिक राहत दी थी। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सभी एफआईआर को एक जगह किया जाएऔर वहीं से जांच की जानी चाहिए।

क्या है पूरा विवाद ?

मुंबई के पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की हत्या के बाद अर्णब गोस्वामी ने अपने टीवी शो में 45 मिनट का एक डिबेट कराया। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि उसी डिबेट में अर्णब गोस्वामी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने कई राज्यों अर्णब गोस्वामी के खिलाफ सोनिया के चमचो की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया । मजा यह कि 200 एफआईआर दर्ज की गयी है।लेकिन सभी की भाषा एक है।

सोनिया के खिलाफ मुकदमा क्यो नही

ताज्जुब है कि प्रधान मंत्री को सोनिया गांधी मौत का सौदागर , हत्यारा कहने और सीएए कानून के विरोध मे लोगो से सडकों पर उतरने की अपील के बाद देश भर में हिंसा कराने वाली पर अभी तक मुकदमा क्यों नहीं?

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