लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में मरने वालों में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और 1 बीजेपी नेता का ड्राइवर शामिल है। लखीमपुर खीरी मामले को लेकर सियासत गरमा गई है और अलग-अलग पार्टियों के नेता लखीमपुर खीरी आने की कोशिश में हैं।

यूपी पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया है, जबकि कांग्रेस ने दावा किया है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है। प्रियंका गांधी कल रात लखनऊ से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुईं थी।
प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर खीरी के लिए निकला था। बाद में पुलिस ने प्रियंका को सीतापुर के हरगांव से हिरासत में ले लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा को भी हिरासत में लिया गया है।

इस बीच यूपी कांग्रेस ने दावा किया, ‘प्रियंका गांधी जी को हरगांव से गिरफ्तार करके सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया जा रहा है, कृपया सभी लोग पहुंचे।’ वहीं यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास ने ट्वीट कर कहा, ‘आखिरकार वही हुआ, जिसकी बीजेपी से उम्मीद थी। ‘महात्मा गांधी’ के लोकतांत्रिक देश में ‘गोडसे’ के उपासकों ने भारी बारिश और पुलिसबल से संघर्ष करते हुए अन्नदाताओं से मिलने जा रही हमारी नेता प्रियंका गांधी जी को हरगांव से गिरफ्तार किया। यह लड़ाई का सिर्फ आरंभ है! किसान एकता जिंदाबाद।”

लखीमपुर खीरी मामले को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीती रात हाईलेवल मीटिंग की
मीटिंग में यूपी के डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे। सीएम योगी ने बयान जारी कर हिंसा पर दुख जताया है और कहा है कि जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने लोगों से किसी बहकावे में नहीं आने की अपील की है। हिंसा के बाद लखीमपुर में इंटरनेट सेवा को बंद करने का दावा किया जा रहा था, लेकिन जिलाधिकारी ने इससे इनकार किया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और आईजी लखीमपुर खीरी में मौजूद हैं।

पुलिस ने बीएसपी नेता सतीश चंद्र को रोका

प्रियंका गांधी से पहले बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी अपने लखनऊ स्थित आवास से लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें उनके घर से दूर ही नहीं जाने दिया। सतीश चंद्र मिश्रा ने पुलिस वालों से उन्हें रोकने को लेकर सवाल पूछे। पुलिस वालों ने जवाब दिया कि लखीमपुर खीरी में शांति भंग होने की आशंका से उन्हें जाने की इजाजत नहीं है।

सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आज लखीमपुर जाएंगे और इस हिंसा में मारे लोगों के परिवारों से मिलेंगे।वहां पहुंचने से पहले उन्होंने योगी सरकार को घेरते हुए सियासत की। उन्होंने कहा, ‘कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को बीजेपी सरकार के गृह राज्यमंत्री के बेटे द्वारा गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है।उत्तर प्रदेश दंभी भाजपाइयों का जुल्म अब और नहीं सहेगा। यही हाल रहा तो यूपी में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे।’

लखीमपुर खीरी में हेलिपैड पर धरने से शुरू हुआ किसानों का प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। दरअसल, रविवार को लखीमपुर खीरी में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दौरा होने वाला था। केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव जा रहे थे। अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र केशव प्रसाद को रिसीव करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वहां पहले से किसान भी मौजूद थे, जो केशव प्रसाद का विरोध करने के लिए जमा हुए थे।

इसके बाद किसानों ने अजय मिश्र टेनी के बेटे का विरोध करना शुरू कर दिया और फिर किसानों ने इन नेताओं के काफिले को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी। जबकि अजय मिश्र का दावा है कि उनका बेटा वहाअअं मौजूद नही था ।

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