श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सेना और आतंकियों में मुठभेड़ नौवें दिन भक जारी है। पुंछ-राजौरी जंगल में आतंकवाद विरोधी इस अभियान के चलते लोगों को घर के अंदर रहने के लिए ताकीद की गई है।

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के दो सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी के वन क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान के नौवें दिन मेंढर में सार्वजनिक घोषणाएं की गईं और स्थानीय निवासियों को अपनी सुरक्षा के लिए घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है।

अधिकारियों ने कहा कि भट्टा दुरियन और आसपास के इलाकों में स्थानीय मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को सतर्क किया गया था। दरअसल, सुरक्षा बल पुंछ जिले के मेंढर के वन क्षेत्र में छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ अंतिम हमले की तैयारी कर रहे हैं। लोगों को सतर्क करते हुए कहा गया है कि वे वन क्षेत्र में न जाएं और अपने पशुओं को भी अपने घरों में ही रखें. इसके अलावा लोगों को राशन जुटाने के लिए भी कहा गया है।

उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं उन्हें अपने जानवरों के साथ अपने घर लौटने के लिए कहा गया है। एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और चार अन्य सुरक्षा कर्मियों ने 11 अक्टूबर को पुंछ के सुरनकोट जंगल में आतंकवाद विरोधी अभियान की शुरुआत के दौरान भीषण गोलीबारी में अपनी जान दे दी, जबकि गुरुवार को हुई एक अन्य मुठभेड़ में जेसीओ सहित चार अन्य सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी।

अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए पूरे वन क्षेत्र में अभी भी कड़ा सुरक्षा घेरा है, यह क्षेत्र पहाड़ी है और जंगल घना है, जिससे ऑपरेशन मुश्किल और खतरनाक हो गया है।

जानकारी के मुताबिक सेना पहले ही पैरा-कमांडो को तैनात कर चुकी है और निगरानी के लिए शनिवार को एक हेलीकॉप्टर भी वन क्षेत्र के ऊपर मंडराता देखा गया। वहीं जम्मू-राजौरी राजमार्ग, मेंढर और थानामंडी के बीच जारी ऑपरेशन के मद्देनजर मंगलवार को भी एहतियात के तौर पर यातायात निलंबित रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ में इस साल जून से घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग मुठभेड़ों में नौ आतंकवादी मारे गए।

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