रतन सिंह
सिडनी क्रिकेट मैदान पर भारत ने जब पहले बल्लेबाजी पर बाध्य होकर 20 ओवरों में सिर्फ 132 रन बनाए तो किसी जानकार ने कहा कि ये रन कम नहीं होंगे। कारण यह कि पिच की उछाल नीची थी और गेंद ठहर कर आ रही थी।
एससीजी की पिच पहले से ही स्पिनर्स फ्रेंडली रही है। हुआ भी वही, भारत ने 20-20 विश्व कप के पहले मैच में चौंपियन आस्टेलिया को 17 रन से हराकर जबरदस्त उलटफेर किया। पूनम यादव ने चटपट चार विकेट लेकर मेजबानों का लक्ष्य की ओर चार्ज डिरेल कर दिया। मेजबान टीम दो गेंद पहले 115 पर ही सिमट गयी।
मेजबान रणनीतिकारों ने आधारभूत गलती की और पहले गेंदबाजी का फैसला किया जो उनका मजबूत पक्ष नहीं। वे लक्ष्य देना पसंद करते हैं, लेकिन इस प्रेशर मैच में वे लक्ष्य पकड़ने का बोझ ले बैठे और ढो नहीं सके क्योंकि ये उनकी आदत में शुमार नहीं। फिर भारत तीन स्पिनर्स लेकर खेल रहा था, इस तथ्य की अनदेखी उन्होंने कर दी।
आस्ट्रेलिया का आगाज ठीक ही हुआ था और 67 पर दूसरा विकेट खोने तक वह मजबूत स्थिति में था। लेकिन 76 पर तीन के बाद वह भहरा गया। छह रन पर चार विकेट खोकर वह दबाव में आ गया। पूनम ने अपनी गुगली पर कंगारुओं को सचमुच तिगनी का नाच नचा दिया। तीन विकेट पूनम ने लिये थे जबकि चौथा शिखा ने झटका । कंगारू दबाव में आ गए क्योंकि हीली (51) का विकेट निकल गया। गार्डनर ने 34 की पारी से जोर लगाया लेकिन देर हो चुकी थी। अनिवार्य रन गति बढ़ने से दबाव में आई महिला कंगारू अंत में रन आउट होने लगी। शिखा ने भी तीन विकेट लिए। भारत की ओर से शैफाली वर्मा ने 41 रन की पारी खेली।
बल्लेबाजी में भारत ने सधी शुरुआत की । लेकिन तुरंत तीन विकेट 47 पर गिर गए दीप्ति ने इसके बाद जेमिमा (33) के साथ स्कोर सौ के पार पहुंचा दिया। शेफाली ने 29 रन बनाए। कप्तान हरमनप्रीत नाकाम रहीं। उनके खाते में 2 रन आए । मंधना ने 11 रन बनाए। दीप्ति ने सर्वाधिकष 49 रन का अंशदान किया जो अंत मे दल के लिए काम का सिद्ध हुआ।।