भोपाल। इंदौर और भोपाल में गुरुवार से पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू कर दी गई है। अब दोनों शहरों में पुलिस के मुखिया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के स्थान पर पुलिस कमिश्नर (आयुक्त) होंगे। यह प्रणाली लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश का 17वां राज्य है। इससे पहले देश के 77 शहरों में पुलिस को न्यायिक अधिकार (आयुक्त प्रणाली) दिए जा चुके हैं। दोनों शहरों में पुलिस आयुक्त को मजिस्ट्रियल शक्तियां और कानून-व्यवस्था से जुड़े अन्य अधिकार दिए गए हैं। ये कलेक्टर के पास होते हैं।
धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली आदि निकालने के लिए अनुमति अब पुलिस आयुक्त के स्तर से दी जाएगी। पहले ये सारे अधिकार कार्यपालिक दंडाधिकारी यानी तहसीलदार से लेकर अनुविभागीय दंडाधिकारी के पास थे। जिलाबदर, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई भी पुलिस करेगी। पुलिस आयुक्त पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) स्तर के अधिकारी को बनाया जाएगा।
गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आज का दिन पुलिस के लिए ऐतिहासिक है। पुलिस को वे सभी अधिकार दिए गए हैं, जो कानून-व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखने के लिए आवश्यक हैं। पुलिस को पैरोल पर छोड़ने, गैरकानूनी जहर या एसिड बेचने पर कार्रवाई करने, वेश्यावृत्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने, प्रतिबंधित संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियों से रोकने, वाहनों की गति को नियंत्रित करने सहित विभिन्न धाराओं में मजिस्ट्रियल शक्तियां दी गई हैं।
भयमुक्त वातावरण रहेगा
मध्य प्रदेश शांति का टापू रहा है। कानून-व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने, नागरिकों की सुरक्षा के साथ अपराधी तत्वों पर कठोर अंकुश के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली अधिक प्रभावी होगी। भौगोलिक विस्तार और तकनीक से उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था को देखते हुए आयुक्त प्रणाली लागू की गई है। इससे भयमुक्त वातावरण बनाया रखा
अब कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर लाठीचार्ज करने, शांति भंग होने की आशंका पर धारा 144 लागू करने या दंगे के हालात पर कर्फ्यू लगाने जैसे फैसले के लिए पुलिस को एसडीएम या कलेक्टर की ओर नहीं देखना होगा। पुलिस आयुक्त मौके पर ही इसका निर्णय ले सकेंगे। नई व्यवस्था में पुलिस आयुक्त के पास अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के सारे अधिकार होंगे।
पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए भोपाल और इंदौर के नगरीय थाना क्षेत्रों को मेट्रोपोलिटन क्षेत्र घोषित किया गया है। भोपाल में 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी 18,86,100 और इंदौर में 21, 93, 664 है। भोपाल में 38 और इंदौर में 36 थाने पुलिस आयुक्त के अंतर्गत आएंगे।