पाकिस्‍तान, भारत का वो पड़ोसी मुल्‍क जहां से अक्‍सर हिंदुओं के उत्‍पीड़न की खबरें आती रहती हैं। इस देश में आज हिंदुओं की दो प्रतिशत आबादी ही रह गई है। इन सबके बीच यू-ट्यूब पर इन दिनों एक वीडियो आया हुआ है जिसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि आखिर पाकिस्‍तान में इतिहास की किताबों में हिंदुओं के बारे में क्‍या-क्‍या लिखा है। यह वीडियो बीबीसी की पाकिस्‍तानी सर्विस की तरफ से बनाया गया है। वीडियो को सुनने के बाद यह बात समझ में आ जाती है कि आखिर क्‍यों इस देश में हिंदुओं के खिलाफ अत्‍याचारों में दिन पर दिन इजाफा होता जा रहा है।

याद किए स्‍कूल के दिन

वीडियो में पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत के रहने वाले कुछ पाकिस्‍तानी हिंदुओं को शामिल किया गया है। इन सभी के हाथों में इतिहास की वो किताबें नजर आ रही हैं जो उन्‍होंने अपने स्‍कूल के दिनों में पढ़ी थीं। इस वीडियो में जो लड़के और लड़कियाां नजर आ रहे हैं उनकी उम्र तकरीबन 25 से 35 साल के बीच है। इन सबसे पूछा गया था कि उन्‍होंने जो किताबें पढ़ी हैं, उसमें हिंदुओं के बारे में क्‍या-क्‍या लिखा है। इन सभी ने उन बातों को पढ़-पढ़कर दोहराया जो स्‍कूल में उन्‍होंने पढ़ी थी।

खोली पाकिस्‍तान की पोल

वीडियो में संजय मथरानी जो पेशे से एक जर्नलिस्‍ट हैं, उनके अलावा, सिंध प्रांत के हैदराबाद से आने वाले राजेश कुमार जो मेडिकल प्रोफेशनल हैं, डॉक्टर राजवंती कुमारी, कॉलमनिस्‍ट परा मांगी और डॉक्‍टर सुव्रत सिंधु ने पाकिस्‍तान की पोल खोली है। संजय ने बताया कि किताब में लिखा है, ‘इतिहास में हिंदुओं ने मुसलमानों पर बहुत अत्याचार किया था।’ उन्‍होंने बताया है कि कैसे एक दिन उनका छोटा भाई घर आया है और उसने बताया, ‘काफ़िर का अर्थ है, जो बुतों या मूर्तियों की पूजा करने वाला होता है।’ इतना ही नहीं इन किताबों में लिखा है कि पहले के समय में, हिंदू अपनी बेटियों को पैदा होते ही ज़िंदा दफ़न कर देते थे।

हिंदूओं ने मारा कई लोगों को

सिंध प्रांत के हैदराबाद से आने वाले राजेश कुमार, मेडिकल प्रोफेशनल होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। राजेश, सिंध टेक्स्ट बुक बोर्ड के 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल पाकिस्तान स्टडीज की किताब का हवाला देते हैं। उन्होंने यह किताब कॉलेज में पढ़ी थी। उस किताब के पेज नंबर 33 पर लिखी हुई बातों को बताया जिसमें कहा गया था कि मानवता के दुश्मन हिन्दुओं और सिखों ने हजारों बल्कि लाखों महिलाओं, बच्चों, बूढ़ों और युवाओं को बेदर्दी से कत्ल किया और अपमानित किया था।

मुसलमान दुश्‍मन कैसे हो सकते हैं

डॉक्टर राजवंती कुमारी ने अपनी नौवीं और दसवीं कक्षा की पाकिस्तान स्टडीज की किताब के बारे में बताते हुए कहा कि इस किताब में हिंदुओं को मुसलमानों का दुश्मन बताया गया था। हिंदुओं की मुस्लिमों से दुश्मनी सामने आ गई थी। राजवंती ने सवाल किया कि वह खुद हिंदू हैं तो वो मुसलमानों की दुश्मन कैसे हो सकती हैं? उन्‍होंने बताया कि कई मुसलमान उनके दोस्‍त हैं और सभी मिलकर सारे त्‍योहार एक साथ मनाते हैं।

हिंदू धर्म में महिलाओं को मिला निम्‍न स्‍थान

सरकारी क्षेत्र में कर्मचारी और कई अखबारों में कॉलम लिखने वाली, परा मांगी, शिकारपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट में पाकिस्तान स्टडीज की किताब को पढ़ा था। इसमें लिखा था, ‘संकीर्णता ने हिंदू समाज को पंगु बना दिया था। जिसमें महिला को निम्न स्थान दिया गया था।’ परा कहती हैं कि असलियत इससे बिल्कुल अलग है। हिंदू धर्म में तो देवियों की पूजा की जाती है। उन्हें दुर्गा माता और काली माता कहा जाता है।

हिंदूओं ने बनवाए अस्‍पताल

डॉक्‍टर सिंधु सुव्रत के मुताबिक पाकिस्‍तान में बच्‍चों को इतिहास की वो किताब पढ़ाई जा रही है जिसमें सारे गलत तथ्‍य दिए गए हैं। डॉक्‍टर सुव्रत कहती हैं कि बहुत से हिंदुओं ने पाकिस्‍तान में अस्‍पतालों का निर्माण कराया है। अगर उन्‍हें इतनी ही परेशानी होती तो वो लिख सकते थे कि यहां पर सिर्फ हिंदू ही आ सकते हैं, मुसलमान कोई नहीं आ सकता है।

थार पारकर के रहने वाले जर्नलिस्‍ट संजय मिथरानी के अनुसार, पाकिस्तान में एक हिंदू के रूप में रहना बहुत मुश्किल काम है। कभी-कभी वो सोचते हैं कि काश उनका ये नाम न होता। संजय का मानना है कि अगर पाकिस्तान के मशहूर हिंदुओं और उनकी उपलब्धियों के बारे में पाठ्यक्रम में बताया जाता है, तो न केवल हिंदू छात्रों को इन विषयों में दिलचस्पी होगी, बल्कि अन्य छात्रों की जानकारी भी बढ़ेगी। इससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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