नई दिल्ली (एजेंसी)। दिवाली की देर रात दिल्ली की हवा में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई जिससे एयर क्वालिटी ‘खतरनाक स्तर’ पर पहुंच गया। राजधानी दिल्ली के कृष्णा मेनन लेन व रेलभवन समेत जनपथ पर पसरे धुंध ने हवा के जहरीले होने का संकेत दे दिया। गुरुवार देर रात हवा की गुणवत्ता Pm2.5 मापी गई जो सबसे खराब स्तर है।
पटाखों पर दिल्ली सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद दिवाली के मौके पर देर रात तक लोग पटाखे चलाते रहे और हवा को जहरीला बनाने में पूरा योगदान किया। आसमान में धुएं का गुबार भर गया और दृश्यता काफी कम हो गई। नतीजतन अनेकों लोगों को गले में खुजली और आंख में जलन जैसी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने पराली जलाए जाने की प्रक्रिया रोकने के लिए विशेष छिड़काव भी कराया साथ ही पटाखों की बिक्री ओर स्टोरेज पर भी बैन लगा दिया था। लेकिन ये सारे प्रयास असफल रहे और लोगों की लापरवाही का नतीजा यह हुआ की देर रात दिल्ली को प्रदूषित हवा की परत ने पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया।
केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली के AQI में फटाफट बदलाव होता नजर आया। एजेंसी ने पहले ही चेताया था, ‘ कुल मिलाकर दिल्ली का एयर क्वालिटी सबसे खराब कैटेगरी के ऊपरी स्तर पर है और आज रात तक सबसे खराब स्तर पर पहंच जाएगा।’ वाकई यही हुआ भी दिवाली की रात पटाखों के कारण एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच ही गया। SAFAR ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि पिछले साल की तुलना में इस बार 50 फीसद भी पटाखे जलते हैं तो AQI के हालात काफी खराब हो जाएंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट तय करे कि क्या सुरक्षा संगठन RTI के तहत आते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी देने का आदेश किया खारिज
जहां तक पराली की बात है तो इसके जलने से निकलने वाला धुआं भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। 6 नवंबर तक इसके और बढ़ने की आशंका है। सफर ने पहले ही अनुमान लगाया गया था कि 4 से 6 नवंबर तक दिवाली के पटाखों के प्रदूषण के अलावा पराली का प्रदूषण भी 20 से 38 फीसद तक असर दिखा सकता है।