वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के भव्यता के साथ साकार होने के बाद इसकी सौगात देश को दी।

50 मिनट के ऐतिहासिक सारगर्भित संबोधन में पीएम मोदी एक सनातन धर्मी, आध्यात्मिक, चिंतक, दार्शनिक और चतुर राजनेता नजर आए । उन्होने शायद ही किसी विषय को अनछुआ रखा। उन्होने इस मौके को अद्भुत बताते हुए कहा कि आज का भारत 352 बरस पहले अपनी खोई हुई विरासत को फिर से संजो रहा है। पीएम ने अपने संबोधन में वाराणसी के सांस्कृतिक और दैवीय गौरव का गुणगान किया।

काशी में एक ही सरकार

उन्होंने कहा कि इस नगरी में अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठा खड़ा होता है। काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है और काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है।  पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए केंद्र और यूपी की सरकार ने वाराणसी में मेगा इवेंट का आयोजन किया। सोमवार को लगभग 11.30 बजे यहां पहुंचे पीएम मोदी 30 घंटों के वाराणसी प्रवास पर हैं। यहां से पीएम मोदी ने सिर्फ दिव्य और भव्य काशी का संदेश दिया, बल्कि यूपी चुनाव के लिए बीजेपी सांस्कृतिक विरासत की पुकार को भी धार दी।

पहले काल भैरव मंदिर में हाजिरी

वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी पहले काल भैरव मंदिर पहुंचे. यहां पर उन्होंने पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी ने कहा कि काशी आकर अभिभूत हूं। बाद में उन्होंने संबोधन के दौरान कहा, “अभी मैं नगर कोतवाल काल भैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूं, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं। काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है। मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं।”

खिड़किया घाट, ललिता घाट से लेकर काशी विश्वनाथ तक की यात्रा

काल भैरव मंदिर से पीएम मोदी अपने काफिले के साथ खिड़किया घाट पहुंचे। रास्ते में लोग उनपर पुष्प वर्षा कर रहे थे। खिड़किया घाट पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने पूरे घाट का जायजा लिया। यहां से क्रूज पर सवार होकर पीएम मोदी ललिता घाट पहुंचे। इस दौरान सीएम योगी भी उनके साथ थे। ललिता घाट पर पीएम मोदी गंगा नदी में उतरे और स्नान किया। पीएम ने गंगा में स्नान के बाद मां गंगा और भगवान सूर्य को अर्घ्य भी दिया।

काशी विश्वनाथ मंदिर में भव्य स्वागत 

ललिता घाट से पीएम मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। यहां पर हर-हर महादेव के नारे और डमरू की गूंज के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में पीएम मोदी धार्मिक अनुष्ठान पर बैठे। विधि विधान से पूजा के बाद पीएम मोदी ने महादेव का जलाभिषेक किया। इसके बाद पीएम मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के सफाई कर्मचारियों से मिले और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं। बाद में उनके साथ लंच भी किया।

पीएम मोदी ने बाद में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विधिवत उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन भाषण दिया। पीएम ने कहा कि ये भव्य धाम लोगों को अतीत के गौरव का एहसास कराएगा। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50-60 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का, ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का. ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का. ये भवन भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का प्रतीक है। पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है।

‘काशी अविनाशी है

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा यहां आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है। पीएम मोदी ने आगे कहा, “काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?”

औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं- पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास में काशी पर आतताइयों की नजर रही। पीएम मोदी ने कहा, “आतताइयों ने इस नगरी पर आक्रमण किए। औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की. लेकिन इस देश की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है। अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास भी करा देते हैं। अंग्रेजों के दौर में भी, वारेन हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।

देशवासियों से तीन संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है, हर भारतवासी ईश्वर का ही अंश है, इसलिए वह कुछ मांगना चाहते हैं। वे अपने लिए नहीं, देश के लिए तीन संकल्प चाहते हैं। स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास। अपनी बातों को समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड ने भारतीयों का आत्मविश्वास ऐसा तोड़ा कि हम अपने ही सृजन पर विश्वास खो बैठे। हजारों वर्ष पुरानी इस काशी से, वे हर देशवासी का आह्वान करते हैं कि पूरे आत्मविश्वास से सृजन किया जाए। स्वदेशी अपना कर भारत को आत्म निर्भर बनाए।

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