कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने घर घर टेस्ट करने का फैसला जरूरर लिया है। लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (supreme court ) में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमे कहा गया कि कोरोना के हॉट स्पॉट बन चुके इलाकों में घर-घर जाकर बड़े पैमाने पर टेस्ट ( test )और मरीजों का इलाज कराने की जरुरत है।

इसके लिए शीर्ष अदालत केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश जारी करे। वहीं, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने कई हॉट स्पॉट ( hot spot) को सील कर दिया है। दिल्ली में निजामुद्दीन के इलाके में शुक्रवार को घर घर टेस्टिंग की गई।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (supreme court )के वकील शशांक देव सुधि ने मांग की थी कि कोर्ट केंद्र और अधिकारियों को निर्देश दे कि कोरोना (corona ) संक्रमण की जांच मुफ्त में की जाए, क्योंकि यह बेहद महंगी है। याचिकाकर्ता ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( icmr) द्वारा जांच की फीस की सीमा 4500 रुपए तय किए जाने पर भी सवाल उठाया था, साथ ही जांच सुविधाओं के जल्द विस्तार की भी मांग की थी। इस पर आठ अप्रैल (april ) को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि निजी या सरकारी अस्पताल में कोरोनावायरस के संक्रमण की मुफ्त जांच के निर्देश जारी किए जाएं।

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