भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चालू है। टीकाकरण का दूसरा फेज कल यानी 1 मार्च से शुरू हो रहा है। इस फेज में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगेगी, साथ ही 45 पार के उन लोगों को भी, जिन्हें कोई गंभीर बीमारियां हैं। सरकार ने 45 से लेकर 59 साल के उम्र के लोगों के लिए 20 बीमारियों की एक लिस्ट जारी की है, लिस्ट में दी गई बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को सबूत के तौर पर किसी भी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले से एक साइन किया हुआ सर्टिफिकेट साथ लाना होगा, तभी कोरोना का टीका मिल सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लाभार्थी या तो अपना सर्टिफिकेट को-विन ऐप पर डाल सकता है या फिर उसकी हार्ड कॉपी भी जमा करा सकता है। इसके अलावा सरकार ने तय किया है कि निजी अस्पतालों में एक डोज की कीमत 250 रुपये होगी। वहीं सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण पूरी तरह से मुफ्त होगा। देश भर में सरकार ने 10,000 सरकारी अस्पतालों और 20,000 निजी केंद्रों में टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया है।
ये बिमारियां है शामिल
जिन बीमारियों की लिस्ट सरकार ने जारी की है उनमें जन्मजात हृदय रोग जो धमनियों हाई ब्लड प्रेशर पैदा करते हैं, किडनी से जुड़ी बीमारियां, या कैंसर जैसे लिम्फोमा, ल्यूकेमिया और मायलोमा, लीवर का बिगड़ना, प्राथमिक प्रतिरक्षा की कमी की स्थिति (प्राइमरी इम्यून डेफिशेंसी कंडिशन्स), और सिकल सेल या खून की कमी जैसी दिक्कते शामिल हैं।
इस चरण में वैक्सीन प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों के लिए, राज्यों को पंजीकरण के तीन तरीकों के बारे में सूचित किया गया था- एडवांस सेल्फ-पंजीकरण, ऑनसाइट पंजीकरण और सुव्यवस्थित पंजीकरण।
राज्यों से कहा गया है कि वे प्राइवेट सेंटर्स को को-विन ऐप के लॉग इन से जुड़े क्रेडेंशियल्स दें, सरकार के अनुसार भारत के टीकाकरण अभियान में इस ऐप को रीढ़ माना गया है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां टीका लगवाने वाले को रजिस्टर्ड करने की जरूरत होती है।
फिलहाल भारत में दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है पहली ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित- कोविशील्ड. दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन। 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में केवल स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल थे। शनिवार शाम तक 14,242,547 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई।