अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासन के घुटने टेकने के बीच राजधानी काबुल में हालात बेहद खराब हो गए हैं. काबुल एयरपोर्ट की काफी भयावह तस्वीरे और वीडियोज सामने आए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालात बिगड़ने की वजह से लोग अफगानिस्तान से पलायन कर रहे हैं और एयरपोर्ट पर हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि वहां पांव रखने की जगह नहीं थी.
अफगानिस्तान को लेकर पूरी दुनिया को जिस बात का डर कई दिनों से था, वो डर आखिरकार रविवार को सच साबित हुआ. काबुल पर कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान में 20 साल बाद तालिबान का फिर से राज हो गया. तालिबान रिटर्न्स के कारण काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान में त्राहिमाम की स्थिति है और लोग किसी भी स्थिति में वहां से निकलना चहाते हैं.
तालिबान भरोसा दिला रहा है कि काबुल में मौजूद राजनयिकों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन तालिबान का टेरर किस कदर लोगों के दिलो-दिमाग पर हावी है, इसकी बानगी काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर देखने को मिली. काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल दिखा और एयरपोर्ट पर मौजूद ये भीड़ जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ने के लिए किसी भी हाल में फ्लाइट में चढ़ने को लेकर बेचैन दिखी. वहीं NATO देशों ने फैसला लिया है कि काबुल पर सभी कमर्शियल उड़ाने निलंबित रहेंगी और काबुल एयरपोर्ट का इस्तेमाल अब सिर्फ मिलिट्री के लिए होगा.
राष्ट्रपति भवन में तालिबान के आतंकवादी दाखिल हो चुके हैं और हथियारों से लैस तालिबानी आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने दावा किया है कि उसका ना सिर्फ काबुल के 11 जिलों पर नियंत्रण हो चुका है, बल्कि अफगानिस्तान का कंट्रोल भी अब उसके ही हाथों में है. तालिबान ने इसीलिए अफगानिस्तान में जल्द अपनी हुकूमत का ऐलान करने की बात कही है और ये घोषणा भी की है कि अफगानिस्तान का नया नाम अब ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान’ होगा.
शिकागो से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI126 ने कुछ देर पहले मजार-ए-शरीफ के ऊपर अफगान हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अचानक यू-टर्न ले लिया. फिलहाल विमान तुर्कमेनिस्तान के हवाई क्षेत्र में है. अभी तक आधिकारिक रूप से इसकी वजह की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि अफगान हवाई क्षेत्र पर सुरक्षा चिंताओं ने भारतीय विमान को मार्ग बदलने के लिए मजबूर किया.