विशेष संवाददाता

उप मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को भी दिया तगड़ा झटका

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार खुलकर नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए ) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के समर्थन में आ गये हैं जबकि उनके चाचा शरद पवार इस कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं। अजित का मानना है कि इस कानून से किसी की  नागरिकता नहीं जाएगी।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इसे लेकर कांग्रेस को भी तगड़ा झटका दे दिया है। उन्होंने सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास करने की कांग्रेस की मांग को दरकिनार कर दिया है। मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून से किसी को घबराने की कतई जरूरत नहीं है और जो लोग इसे लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करने में लगे हैं उनकी बातों को सिरे से नज़र अंदाज़ कर दिया जाना चाहिए।

दरअसल एनसीपी की पार्टी बैठक ‘मिशन मुंबई’ के मंच से अजित पवार ने कहा, “सीएए और एनपीआर से किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। शरद पवार जी ने भी कहा है कि महाराष्ट्र में हम इससे किसी को परेशानी नहीं होने देंगे। इसके बावजूद कुछ लोग कहते हैं कि बिहार की विधानसभा में जो प्रस्ताव पास हुआ है वैसा ही प्रस्ताव यहां भी लाया जाना चाहिए जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है। कुछ लोग इसे लेकर भ्रम फैला रहे हैं। हमें सजग रहकर समाज को इस बारे में जागरूक करना होगा”।
  
एनसीपी की नज़र 2022 के बीएमसी चुनाव पर

देखा जाये तो एनसीपी 2022 के बीएमसी चुनाव के लिए तैयारी में जुट गई है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद अभी से ही पार्टी अपना जनाधार राज्य के शहरी इलाकों में बढ़ाने की तैयारी में है। अजित पवार ने कहा कि एनसीपी मुंबई नगर निगम के चुनाव शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने की तैयारी में है। एनसीपी की ओर से कोशिश की जा रही है कि शहर में भी एनसीपी को मजबूत किया जाए।

इसी उद्देश्य से रविवार को आयोजित कार्यकर्ताओं के शिविर में राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शिवसेना के साथ गठबंधन में बीएमसी चुनाव लड़ने की बात कही । ध्यान रहे 2017 में हुए बीएमसी चुनाव में एनसीपी का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था। शहर की 227 सीटों में से पार्टी केवल 9 सीटों पर ही जीत पाई थी।

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