नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) देशों के लिए साइबर सिक्योरिटी सेमिनार का आयोजन करने जा रहा है। यह दो दिवसीय आयोजन (7-8 दिसंबर को ) नई दिल्ली में मंगलवार से शुरू हो रहा है। इसी क्रम में पाकिस्तान से एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया है। एससीओ देशों के साइबर सुरक्षा सम्मेलन में यह शामिल होगा। इससे पहले भारत का एक प्रतिनिधिमंडल अक्टूबर में SCO की आतंकवाद विरोधी बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गया था।
इस इवेंट का आयोजन SCO – RATS (Regional के तत्वावधन में हुआ। ताशकंद में इसका मुख्यालय है। RATS का मकसद SCO के सदस्य देशों की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद करना है।
SCO के आठ सदस्य देश और चार आब्जर्वर देश हैं-
वर्तमान में एससीओ के आठ सदस्य चीन, कजाकस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं। इसके अलावा चार आब्जर्वर देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं। एससीओ का मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में है। छह डायलाग सहयोगी अर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं। एससीओ को इस समय दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन माना जाता है। एससीओ का अहम मकसद ऊर्जा पूर्ति से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना और आतंकवाद से लड़ना है। अमेरिका की वापसी के बाद अफगानिस्तान में एससीओ की भूमिका बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंध ठंडे बस्ते में हैं। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत रुकी हुई है। हालांकि SCO के बैनर तले दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा साइबर सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। NSCS ने पिछले दिनों अफगानिस्तान पर SCO के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की बैठक को होस्ट किया था। चीन और पाकिस्तान को छोड़कर एससीओ के सभी पूर्ण सदस्यों ने इस बैठक में हिस्सा लिया था।
2017 से ही इस आर्गेनाइजेशन का सदस्य है भारत
शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन की स्थापना 15 जून 2001 को चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों (कजाकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान) ने की थी। भारत 2017 में एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बना। 2005 से पहले उसे पर्यवेक्षक देश का दर्जा प्राप्त था। 2017 में एससीओ की 17वीं शिखर बैठक में भारत और पाकिस्तान को सदस्य देश का दर्जा दिया गया।