इस्लामाबाद (एजेंसी) । कोरोना वैक्सीन के मामले में चीन की कंपनी साइनोफार्म पर निर्भर पाकिस्तान ने भारत की ओर रुख किया है। भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच पाकिस्तान को ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉर्टी ने भारत में निर्मित वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। हालांकि, पाकिस्तान इस वैक्सीन को भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते के तहत हासिल नहीं करेगा। पाकिस्तान को अपनी 20 फीसद आबादी के लिए यह वैक्सीन कोवैक्स योजना के तहत हासिल होगी।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉक्टर फैसल सुल्तान ने डॉन से बातचीत में कहा कि भारत में बनी वैक्सीन के इस्तेमाल को इजाजत दी गई है। फैसल ने कहा कि हमने यह वैक्सीन रजिस्टर किया है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रभावशीलता करीब 90 फीसद अधिक है। फैसल ने कहा कि यह मंजूरी हमें कोवैक्स योजना के तहत वैक्सीन को हासिल करने की अनुमति देगा। बात दें कि कोवैक्स एक ऐसा गठबंधन है, जिसे ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर बनाया है। उन्होंने कहा कि चीन की साइनाफॉर्म वैक्सीन को भी अगले हफ्ते रजिस्टर किया जाएगा।
कोवैक्स की योजना
कोवैक्स ने वादा किया है कि वह दुनिया के 190 देशों की 20 फीसद आबादी को मुफ्त में कोरोना का टीका मुहैया कराएगी। इसमें पाकिस्तान भी शामिल है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि अप्रैल के करीब उसे भारत में बनी कोरोना वैक्सीन मिल सकती है। इमरान के सलाहकार क ध्यान भारत के साथ व्यापार के बंद होने की ओर दिलाया गया। उन्होंने कहा कि जीवनरक्षक दवाओं का आयात किया जा सकता है। उधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को भारत में बनी ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन मिलने का लगभग कोई चांस नहीं है। इसकी वजह यह है कि भारत ने पहले इसके शोध को खरीद लिया है और वह इसका निर्माण कर रहा है। इसके अलावा भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह अपनी जनता को पहले प्राथमिकता देगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ऑक्सफर्ड की कोरोना वैक्सीन मिलने का एकमात्र चांस कोवैक्स योजना है।