कराची (एजेंसी)। पाकिस्‍तान के बेशर्म रक्षामंत्री परवेज खटक ने श्रीलंकाई नागरिक की बेरहमी से हत्या पर हत्यारों का बचाव करते हुए कहा है कि बच्चे हैं, जोश में आ जाते हैं। दीन की खातिर मैं भी होता तो यही करता। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि पाकिस्तान तबाही की ओर जा रहा है. बता दें कि सियालकोट में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की ईशनिंदा के नाम पर जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि उनके शरीर की एक भी हड्डी साबुत नहीं थी।

पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘वो बच्चे हैं, इस्‍लामिक दीन है, जोश में आ जाते हैं, जज्‍बे में आकर काम कर देते हैं. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मुल्क तबाही के रास्ते पर जा रहा है. सबकी अपनी सोच है।।वहां लड़के इक्कठे हुए, उन्होंने इस्लाम का नारा लगाया कि ये इस्लाम के खिलाफ है. जज्‍बे में आ गए, काम हो गया’।

खटक ने मीडिया से कहा कि वो लोगों को समझाए कि इस घटना को जैसा रूप दिया जा रहा है, वैसा कुछ नहीं है। मैं भी जज्बे में आकर दीन के लिए गलत काम कर सकता हूं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि सबकुछ खराब हो गया, पाकिस्तान तबाही के रास्ते पर चला गया। रक्षामंत्री ने एक तरह से प्रियंता कुमारा दियावदना की मॉब लीचिंग को एक बहुत ही सामान्‍य चीज करार दिया।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री एक तरफ जहां हत्‍यारों का बचाव कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ने उस व्यक्ति को सम्मानित करने ऐलान किया जिसने सियालकोट में अपनी जान खतरे में हत्या पर डालकर उग्र भीड़ से कारखाना प्रबंधक एवं श्रीलंकाई नागरिक को बचाने की कोशिश की थी। इमरान खान ने ट्वीट कर कहा था, ‘आवाम की ओर से मैं मलिक अदनान के नैतिक साहस और बहादुरी को सलाम करना चाहता हूं जिन्होंने सियालकोट में उग्र भीड़ से अपनी जान खतरे में डालकर प्रियंता को बचाने का भरसक प्रयास किया। हम उन्हें तमगा-ए-शुजात से नवाजेंगे।’ 

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