नई दिल्ली । दिल्ली-नोएडा सीमा पर चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के नेताओं ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की है। इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे। यूनियन ने 18 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा और किसानों की मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की। गौरतलब है कि भानु गुट ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई थी।

प्रधानमंत्री के नाम सौपे अपने ज्ञापन में यूनियन ने किसान आयोग का गठन कर सभी फसलों के लिए एमएसपी तय करने की मांग की है। इसके अलावा अन्य कई मांगों को भी दोहराया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने चिल्ला बॉर्डर को यातायात के लिए खोल दिया। एक किसान ने कहा, “हमारे किसान नेता ने रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री से आज मुलाकात की। हमें भरोसा दिया गया है कि हमारी मांगे पूरी की जाएंगी और इसीलिए हमने रास्ता खोल दिया है।”

दूसरी ओर, सिंघु बॉर्डर पर जमे किसान नेताओं ने शनिवार को अपनी मांगों पर कायम रहते हुए कहा कि वे सरकार से वार्ता को तैयार हैं, लेकिन पहले तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने पर बातचीत होगी। किसानों ने घोषणा की कि उनकी यूनियनों के प्रतिनिधि 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे।

आंदोलन को और तेज करने की रणनीति साझा करते हुए किसान नेता ने घोषणा की कि उनकी माताएं, बहनें और बेटियां भी जल्द प्रदर्शन में शामिल होंगी। प्रदर्शन स्थलों पर उनकी सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। किसान नेता पन्नू ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से भी किसान यहां आ रहे हैं और वे आने वाले दिनों में आंदोलन को अगले स्तर पर पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए अवरोधक लगा रही है, लेकिन वे किसी भी तरह प्रदर्शन में शामिल होंगे और आने वाले दिनों में इसे अगले स्तर पर ले जाएंगे।

पन्नू ने कहा, ”अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम तैयार हैं, लेकिन हमारी मुख्य मांग तीनों कानूनों को रद्द करने की रहेगी। हम उसके बाद ही अपनी अन्य मांगों पर आगे बढ़ेंगे।” उन्होंने बताया कि किसान संगठनों के नेता नए कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे। पन्नू ने आरोप लगाया कि सरकार ने आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने प्रदर्शन शांतिपूर्ण रखने का संकल्प लिया।

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