अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद अब तालिबान शुक्रवार को नई सरकार का ऐलान करेगा। सूत्रों के मुताबिक तालिबान की ओर से नई सरकार का यह ऐलान जुमे की नमाज के बाद किया जाएगा। 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले लिया। बता दें कि अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो चुका है। अमेरिकी फोर्स भी सोमवार की रात अफगानिस्तान से बाहर निकल गई।

अमेरिकी सेना के जाने के बाद तालिबानी लड़ाकों ने हवाई फायरिंग कर खुशी भी मनाई थी। अफगानिस्तान के बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच तालिबान अब एक ऐसे राष्ट्र पर शासन करने की उम्मीद कर रहा है जो बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है। ऐसे में देखना है कि तालिबान किस तरह से अपने कदम को आगे बढ़ाता है।

अफगानिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा इस सरकार के सुप्रीम होंगे और प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति उनके आदेशों के तहत ही काम करेंगे। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के कल्चरल कमिशन के सदस्य अनमुल्लाह समनगनी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया, ‘नई सरकार पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है और कैबिनेट को लेकर जरूरी फैसले भी ले लिए गए हैं। हम जिस इस्लामी सरकार का ऐलान करेंगे वह लोगों के लिए उदाहरण होगी। अखुंदजादा के नेतृत्व में सरकार बनने को लेकर कोई शक नहीं है। वह सरकार के मुखिया होंगे और इसपर कोई सवाल ही नहीं किया जा सकता।’

अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को लेकर व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका या अन्य किसी देश को तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि यह कदम पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका या अन्य किसी देश, जिससे हमने बात की है उसे तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है। यह तालिबान के व्यवहार और इस बात पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here