एडिलेड। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने कहा है कि अब टेस्ट मैच लाल गेंद की बजाय गुलाबी गेंद से कराए जाने चाहिए।
भारतीय टीम का गुलाबी गेंद से यह दूसरा मुकाबला है
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच एडिलेड में गुलाबी गेंद से खेला जा रहा है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया सात बार गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेल चुका है जबकि भारतीय टीम का गुलाबी गेंद से यह दूसरा मुकाबला है। भारतीय टीम ने इससे पहले पिछले वर्ष बांग्लादेश के खिलाफ गुलाबी गेंद से टेस्ट मुकाबला खेला था।
टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज शेन वॉर्न ने ‘फॉक्स क्रिकेट’ के एक कार्यक्रम में चर्चा में कहा,“मैं पिछले कुछ वर्षों से गुलाबी गेंद से खेल आयोजन कराने को कह रहा हूं। मेरा मानना है कि सभी टेस्ट मैचों में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। केवल दिन-रात ही नहीं बल्कि दिन के खेल में भी।”
वार्न ने टेस्ट क्रिकेट में 708 विकेट लिए हैं और उनसे आगे केवल श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन है जिनके नाम 800 टेस्ट विकेट का विश्व रिकार्ड है।
उन्होंने ने कहा, “लाल गेंद से अब गेंदबाजों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिलती है। ऐसे में वक्त आ गया है, जब हम इस पुरानी गेंद को छोड़कर गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल करना शुरू करें। बीते कुछ वर्षों में दिन-रात्रि टेस्ट मैच की शुरुआत हुई है, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। अभी गुलाबी गेंद केवल दिन-रात्रि टेस्ट मैच में इस्तेमाल होती है।”
गुलाबी गेंद को देखने में आसानी होती है: वॉर्न
51 वर्षीय शेन वॉर्न ने कहा, “गुलाबी गेंद को देखने में आसानी होती है। दर्शक भी आसानी से देख सकते हैं। टीवी पर भी यह देखने में अच्छी लगती है। लाल गेंद से 25 ओवर के बाद कोई मदद नहीं मिलती है। उसके बाद यह स्विंग नहीं करती है। ऐसे मैं चाहूंगा कि हर टेस्ट में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल हो।”