विशेष संवाददाता
कोरोना वायरस के जरिये पूरी दुनिया को तबाही के कगार पर पहुंचाने के बाद अब चीन ने जंग की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इससे चीन और उसके पड़ोसी देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन ने अपने उत्तर- पूर्वी इलाके में टैंकों से रात में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया है।
इस बीच जापान ने भी चीन से सटे अपने द्वीप मियाकोजिमा पर मिसाइलें और 340 सैनिक तैनात किये हैं। उधर, चीन के लड़ाकू विमान भेजने के बाद ताइवान ने भी टैंकों के साथ शहरी इलाके में सैन्य अभ्यास किया है।
चीनी फौज ने किया रात में टैंकों से निशाना साधने का अभ्यास
चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को बताया कि उसकी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 78वीं ग्रुप आर्मी ने मुख्य युद्धक टैंक के साथ रात में युद्धाभ्यास किया है। यह सैन्य अभ्यास सोमवार को किया गया था, लेकिन तस्वीरें अब जारी की गयी हैं। इन तस्वीरों में नजर आ रहा है कि चीनी टैंक रात में अपने लक्ष्य को तबाह करने का अभ्यास कर रहे हैं।
ताइवान ने भी टैंकों के साथ युद्धाभ्यास किया
चीनी सेना का यह टैंक दस्ता नॉर्दन थिएटर कमांड के अंतर्गत आता है, जो जापान और ताइवान से सटे इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को देखता है। चीनी सेना के इस सैन्य अभ्यास के दो दिन बाद ही 25 मार्च को ताइवान ने भी टैंकों के साथ युद्धाभ्यास किया था। यही नहीं ताइवान के टैंक यिलान शहर की सड़कों पर नजर आये।
ताइवान टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा बहुत कम होता है कि, शहर की सड़कों पर टैंक नजर आये। अखबार ने बताया कि चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए ताइवान की सेना ने कई दिनों तक यह युद्धाभ्यास किया। इस दौरान शहर के अंदर जंग लड़ने का अभ्यास किया गया।
अभ्यास के दौरान इस बात की तैयारी की गयी कि, अगर चीन की सेना हमला करती है तो उसका जवाब किस तरीके से देना है। इस दौरान सबसे पहले इस बात पर जोर दिया गया कि चीन के किसी हमले की सूरत में पहले खुद को बचाना है। शहर की सड़कों पर टैंकों को काफी संख्या में लोग देखने पहुंच गये।
जापान ने भी तैनात की मिसाइलें और सैनिक
इस बीच जापान की सेना ने भी मियाकोजियमा द्वीप पर सतह से हवा और समुद्र में युद्धपोतों को तबाह करने वाली मिसाइलों को तैनात किया है। यही नहीं जापान की सेना ने 340 सैनिकों को भी तैनात किया है। जेन्स डिफेंस वीकली की रिपोर्ट के मुताबिक, विवादित पूर्वी चीन सागर में स्थित सेनकाकू/दिआओयू द्वीप समूह को लेकर चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए जापान ने यह मिसाइलें तैनात की हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जापान और ताइवान को यह डर सता रहा है कि, चीन कोरोना महासंकट का फायदा उठाते हुए हमला कर सकता है।