अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग United States Commission For Religious Freedom (यूएससीआईआरएफ) के उस दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि Ahmedabad अहमदाबाद के अस्पताल में covid-19 के मरीजों को धार्मिक पहचान के आधार पर अलग अलग रखा गया।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Anurag Srivastava अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) भारत में कोविड-19 से निबटने के लिए पालन किए जाने वाले professional medical protocol पेशेवर मेडिकल प्रोटोकॉल पर गुमराह करने वाली रिपोर्टों को फैला रहा है। 

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी आयोग की टिप्पणी पर कहा, अहमदाबाद के civil hospital सिविल अस्पताल में धार्मिक आधार पर कोविड-19 के मरीजों को अलग-अलग नहीं किया गया।  अमेरिकी आयोग को corona pandemic कोरोना वायरस महामारी से निबटने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को धार्मिक रंग देना बंद करना चाहिए।

दूसरी ओर अहमदाबाद सिविल अस्पताल के surgeon Professor G H Rathaur सर्जन प्रोफेसर जीएच राठौड़ का कहना है कि कुछ दैनिक समाचार पत्रों में छपी खबर ने मेरे statement बयान को गलत तरह से समझा है कि “हमने मुसलमानों और हिंदुओं के लिए seperate ward अलग वार्ड बनाए हैं।” मेरे नाम की यह report रिपोर्ट झूठी और निराधार है और मैं इसकी निंदा करता हूं।

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