पटना। सीएए और एनआरसी को लेकर एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड में मतभेद दिखाई दे रहा है। 21 जनवरी को पार्टी के वरिष्ठ नेता महासचिव पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को सीएए और एनआरसी को लेकर पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन पर विरोध किया था। 

उनके अलावा पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी लगातर पार्टी के स्टैंड से अलग हटकर सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं। जिसपर गुरुवार को नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के बयान पर मत जाइये, हमारा रुख साफ है।

नीतीश कुमार ने कहा, ‘यदि किसी के पास किसी भी तरह की समस्या है तो व्यक्ति पार्टी या पार्टी की बैठकों में उसकी चर्चा कर सकता है, विमर्श कर सकता है लेकिन इस तरह के सार्वजनिक बयान आश्चर्यजनक हैं। वह जा सकते हैं और अपनी पसंद की किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। कुछ लोगों के बयान पर मत जाइये, हमारा रुख साफ है।’
 
@ANI

WATCH Bihar CM Nitish Kumar on JDU leader Pawan Verma’s letter to him on CAA&NRC: If anyone has any issues then the person can discuss it within party or at party meetings, but such kind of public statements are surprising. He can go and join any party he likes, my best wishes.

पत्र में वर्मा ने लिखा है कि एक से अधिक अवसरों पर आपने भाजपा-आरएसएस को लेकर अपनी गंभीर आशंकाएं व्यक्त की हैं। अगर ये आपके वास्तविक विचार हैं, तो मैं यह समझने में असफल हूं कि जेडीयू अब बिहार से परे भाजपा के साथ अपना गठबंधन कैसे बढ़ा रहा है, जब लंबे समय तक भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल ने भी ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

प्रशांत किशोर ने बुधवार को ट्वीट के जरिए अमित शाह को पूरे देश में सीएए-एनआरसी लागू करने की चुनौती दी थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ‘नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत को नहीं दर्शाता है। अमित शाह जी, अगर आप सीएए, एनआरसी का विरोध करने वालों की फिक्र नहीं करते हैं तो फिर आप इस कानून को लागू करवाने के लिए प्रयास क्यों नहीं करते हैं। जैसे की आपने देश को इसकी क्रोनोलॉजी समझाई थी।’

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