नयी दिल्ली। निर्भया के दरिन्दे फांसी से बचने के लिए जी-तोड़ कोशिशों में जुटे हैं। उनके वकील ए.पी. सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर कर शिकायत की है कि, तिहाड़ जेल प्रशासन उन्हें वे सारे कागजात उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिनके आधार पर वह तीन दोषियों-अक्षय, विनय और पवन की ओर से क्यूरेटिव और दया याचिकाएं पेश कर सकें, जबकि उन्हें फांसी पर लटकाने के लिए एक फरवरी की तारीख मुकर्रर की गयी है।

गौरतलब है कि, सर्वोच्च न्यायालय ने निर्भया के चार दोषियों को फांसी की सजा सुनायी है, जिसके अनुपालन के क्रम में उन्हें 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था। लेकिन मुकेश की दया याचिका लम्बित होने की वजह से उस दिन उन्हें फांसी नहीं दी जा सकी और एक फरवरी को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी करना पड़ा था। मुकेश की क्यूरेटिव व दया याचिकाएं खारिज हो चुकी है, जबकि विनय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है और अब उसके पास केवल दया याचिका का विकल्प ही बचा है। अक्षय और पवन के पास क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों के विकल्प बचे हैं। अब उनके वकील फांसी टालने के लिए शेष बचे कानूनी विकल्पों का सहारा लेना चाहते हैं। चूंकि क्यूरेटिव पिटीशन में कोई नया आधार बताना जरूरी होता है, अत: उनके वकील जेल में उनके अच्छे बरताव का हवाला देकर उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करवाना चाहते हैं। ए.पी. सिंह के मुताबिक, विनय ने एक अवसादग्रस्त कैदी को आत्महत्या करने से बचाया था और जेल में आयोजित रक्तदान शिविर में भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा वे योग शिविर में भी शामिल हुए थे। ए.पी. सिंह जेल प्रशासन से इसी जुड़े कागजात लेना चाहते हैं।

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