कोलकाता (एजेंसी)। भाजपा नेता राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली ने बंगाल की कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की एक टीम को बंगाल में तैनात किया जाए, ताकि हर दिन हो रहे बम धमाकों को रोका जा सके।

दरअसल, बीते दिन प्रदेश के मुर्शिदाबाद जिले के कांदी अनुमंडल में छह बम बरामद हुए थे। बम धमाके में एक की मौत भी हुई थी। राज्य के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए रूपा ने कहा कि बंगाल की हालत इतनी खराब हो गई है कि हर जगह, हर दिन और हर हफ्ते या तो बम बरामद होते हैं या बम विस्फोट हो रहे हैं। इससे लोगों की जान खतरे में है। पता नहीं मुख्यमंत्री क्या कर रही हैं, सबसे अच्छा विकल्प यह होगा कि एनआइए जैसी जांच एजेंसी की तैनाती की जाए, ताकि धमाके पूरी तरह से रुकें।

रूपा गांगुली ने कहा कि हमारा जीवन खतरे में है, यह जरूरी है कि ऐसी जांच टीम यहां आए और बंगाल के लोगों की रक्षा करे। इसके साथ ही उन्होंने बजट सत्र से ठीक पहले पेगासस स्पाइवेयर का मुद्दा उठाने के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की। रूपा गांगुली ने कहा कि चूंकि सत्र शुरू होने जा रहा है और वे अपना काम नहीं करना चाहते हैं, वे ऐसे ही बेकार मुद्दों को उठाते हैं। पिछली बार वे लोग मेज पर चढ़े थे और संसद सत्र को बाधित करने के लिए वहां पर मौजूद मार्शलों से लड़े थे।

विधानसभा चुनाव बाद 35 हजार महिलाओं को प्रताड़ित किया गया

गौरतलब है कि इससे पहले बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली ने बड़ा हमला बोला था। ममता पर तंज कसते हुए रूपा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया से राज्य संभलता ही नहीं है और वह देश चलाने का सपना देख रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राज्य में एक भी मामले को ठीक करने में सक्षम नहीं हैं। रूपा का यह बयान ममता द्वारा तृणमूल के शहीद दिवस कार्यक्रम के मंच से 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने के आह्वान के बाद आया है। एक समाचार एजेंसी से बातचीत में रूपा ने कहा कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा के दौरान करीब 35,000 महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा, ‘आपको (ममता) लगता है कि भारत के सभी लोगों को नहीं पता कि बंगाल में किस तरह की हिंसा हुई। ममता बनर्जी पिछले दस सालों से सत्ता में हैं और उनका कार्यकाल अब भी जारी है। ममता बनर्जी के कार्यकाल 2015-16 के बाद से यहां जो कुछ भी हुआ है, क्या यह सही है? हाल के विधानसभा चुनावों के बाद लगभग 35,000 महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है।’

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