विशेष संवाददाता
कोरोना वायरस से भले ही दुनिया भर में लाखों लोग संक्रमित हैं। दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन एक शोधकर्ता का दावा है कि, इसकी वजह से जितने लोगों की मौत हुई है, उससे बीस गुना अधिक लोग असमय ही काल के गाल में जाने से बच गये। उनका कहना है कि, कोरोना वायरस की वजह से कई देशों में किये गये लॉकडाउन या शटडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर कम हो गया है। इससे बड़ी संख्या में लोग उसका शिकार होने से बच जाएंगे।
प्रदूषण घटने से अकेले चीन में ही 75000 लोग असमय मरने से बचे : बर्क
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अर्थ सिस्टम साइंस विभाग के प्रोफेसर मार्शल बर्क ने बताया कि, चीन में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से करीब 50 से 75 हजार लोग असमय मौत के मुंह में जाने से बच गये। यानी प्रदूषण का स्तर अगर पहले जैसा रहता, तो इस साल के अंत तक इतने लोग प्रदूषण से ही मर जाते। मार्शल बर्क ने बताया कि, चीन के लॉकडाउन करने के बाद उन्होंने करीब कोरोना से मरने वालों की तुलना में 20 गुना ज्यादा लोगों की जान बचायी है। वायु प्रदूषण और असमय मृत्यु का बहुत पुराना संबंध है। बर्क ने बताया कि, दो महीने तक साफ-सुथरी हवा मिलने की वजह से पांच साल से कम उम्र के करीब 4000 बच्चों और 70 साल से नीचे के 51000 से 73000 वयस्कों की जिंदगी प्रदूषण की वजह से आने वाली मुसीबत से बच गयी। यानी इनकी असमय मृत्यु नहीं होगी।
चीन में हवा की गुणवत्ता बढ़ी, वेनिस की नहरों में तैरने लगीं डॉल्फिनें
चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने भी यह बात मानी है कि हुबेई प्रांत, जहां वुहान राजधानी है, वहीं फरवरी के महीने में हवा की गुणवत्ता में 21.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। वुहान और हुबेई ही कोरोना वायरस का मुख्य केंद्र था।चीन में आसमान साफ दिखने लगा है। इटली के शहर वेनिस की नहरों का पानी साफ हो गया है। उसमें डॉल्फिनें तैरने लगी हैं। चीन में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का स्तर भी काफी घट गया है।