काठमांडू , इस्लामाबाद (एजेंसी)। भारत से 10 लाख टीके सौगात में मिलने के बाद पड़ोसी देश नेपाल ने 20 लाख और टीके खरीदने का फैसला किया है। इस सौदे के लिए कैबिनेट ने मंगलवार को अडवांस पेमेंट को मंजूरी दे दी। दूसरी तरफ भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की कंगाली का आलम यह है कि 22 करोड़ की आबादी वाला यह देश अब तक खैरात के भरोसे ही बैठा है और सदाबहार दोस्त चीन के सामने हाथ फैलाने के बावजूद उसे केवल 5 लाख टीके मिल पाए हैं।

नेपाल की प्रमुख न्यूज वेबसाइट द काठमांडू पोस्ट की एक खबर के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने कहा, ”आज कैबिनेट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 20 लाख डोज और खरीदने का फैसला किया है और इसके लिए 80 फीसदी राशि का तुरंत भुगतान किया जाएगा।” उन्होंने बताया कि नेपाल को एक डोज की कीमत 4 डॉलर पड़ी है, यानी पाकिस्तानी करेंसी के हिसाब से 464 रुपए। 20 लाख डोज की कीमत 93.6 करोड़ रुपए होगी और नेपाल 74.8 करोड़ डाउन पेमेंट करेगा।

भारत की मदद से नेपाल में कोरोना टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है और सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। नेपाल की कुल आबादी करीब 3 करोड़ है और 14 साल से कम के बच्चों को अलग कर दिया जाए तो 72 फीसदी आबादी का टीकाकरण करना है। नेपाल को 20 फीसदी आबादी के लिए कोवाक्स पहल के तहत मुफ्त टीके मिलेंगे।

दूसरी तरफ 22 करोड़ से अधिक की आबादी मुल्क पाकिस्तान को अब तक चीन से 5 लाख कोरोना टीके ही मिल सके हैं। भारत से अब तक कोरोना टीके मांगने की हिम्मत नहीं जुटा सकी इमरान सरकार ने भारत में बन रहे कोविशील्ड को मंजूरी जरूर दे चुकी है, ताकि कोवाक्स प्रोग्राम के तहत उसे टीके मिल सकें। इमरान खान सरकार अब तक अपनी जनता के लिए कोरोना का एक भी डोज नहीं खरीद पाई है।

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