दक्षिण भारत के दो राज्यों तमिलनाडु और केरल में चक्रवात बुरेवी का खतरा बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में दक्षिण पश्चिम में बन रहा चक्रवाती तूफान बुरेवी फिलहाल श्रीलंका के त्रिंकोमाली पहुंचने से 300 किमी पूर्व, दक्षिण पूर्व, पंबन से 530 किमी पूर्व दक्षिण पूर्व में और तमिलनाडु में कन्याकुमारी से 700 किमी पूर्व दक्षिण पूर्व में स्थित है। इससे निबटने के लिए एनडीआरएफ सजग है।

बुरेवी पिछले 6 घंटे में 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ता नजर आया। अगले 12 घंटे में इसके और गहरे होने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार 3 दिसंबर की सुबह तूफान के मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन इलाके की ओर आगे बढ़ने की आशंका है। इसके बाद 4 दिसंबर को तूफान के पश्चिम और दक्षिण पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए कन्याकुमारी और पंबन के निकट दक्षिण तमिलनाडु तक पहुंचने की आशंका है।

दक्षिणी तट पर गहरा दबाव

बता दें कि तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी तट पर गहरे दबाव की स्थिति बनने और इसकी वजह से चक्रवाती तूफान की आशंका के मद्देनजर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई थी । बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए तमिलनाडु और केरल के मुख्य सचिव के अलावा लक्षद्वीप के सलाहकार के साथ राहत एवं बचाव कार्य को लेकर कैबिनेट सचिव ने विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने संबंधित सभी विभागों से नुकसान की आशंका को न्यूनतम करने और जरूरी सेवाओं को तुरंत बहाल करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

वहीं मौसम विभाग के महानिदेशक ने इस बैठक में बताया कि गहरे दबाव की वजह से केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के कुछ इलाकों में 2 से 4 दिसंबर के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका है। जबकि 2 और 3 दिसंबर को दक्षिण तमिलनाडु में कन्याकुमारी, उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। वहीं 4 दिसंबर को मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। एऩडीआरएफ के डीजी ने बताया कि प्रभाव वाले इलाकों में एनडीआरएफ की 26 टीमे तैनात कर दी गई है। जिनमें से तमिलनाडु में 17, केरल में 8 और पुडुचेरी में 1 टीम तैनात की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here